Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली बार काउंसिल (BCD) ने अपने चैंबर में धर्म परिवर्तन का रैकेट चलाने के आरोप में कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) के एक वकील का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. काउंसिल ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई है. जिसने आरोपी वकील को उसके सामने पेश होने के लिए नोटिस भेजा है.
BCD के सचिव पीयूष गुप्ता ने कहा कि काउंसिल को पटपड़गंज निवासी सोहन सिंह तोमर नाम के एक व्यक्ति की शिकायत मिली थी. उस कंप्लेंट में आरोप लगाया गया था कि इकबाल मलिक (Iqbal Malik) नाम का एक वकील अपने चैंबर का इस्तेमाल धर्म परिवर्तन और मुस्लिम विवाह (निकाह) कराने के लिए कर रहा है.
शिकायतकर्ता ने BCD को अपनी बेटी के कथित निकाहनामे से जुड़ा सर्टिफिकेट भी पेश किया. यह सर्टिफिकेट इसी साल 3 जून को जारी किया गया था. इस निकाहनामे में निकाह का स्थान F-322, कड़कड़डूमा, तीसरी मंजिल, मजारवाली मस्जिद लिखा है. यह पता कड़कड़डूमा कोर्ट में बने वकील इकबाल मलिक के चेंबर का है.
कंप्लेंट में यह भी आरोप लगाया गया कि इकबाल मलिक (Iqbal Malik) अपने चैंबर के जरिए धर्म परिवर्तन करवाने वाला एक ट्र्स्ट चला रहा है. इस ट्रस्ट में धर्म परिवर्तन करने वाली लड़कियों का निकाह करवाने के लिए मोहम्मद अकबर देहलवी को काजी के तौर पर बुलाया जाता है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी का सरकारी चैंबर को मस्जिद दिखाकर जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया और फिर दूसरे संप्रदाय के युवक के साथ निकाह करा दिया गया.
BCD ने वकील इकबाल मलिक का नामांकन निलंबित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. BCD के सचिव पीयूष गुप्ता ने कहा कि किसी वकील या अन्य व्यक्ति को कोर्ट परिसर या चेंबर में निकाह कराने जैसी गतिविधियों की इजाजत नहीं है. ऐसे में वकील की यह कथित हरकत गंभीर है. मामले को देखते हुए बीसीडी चेयरमेन रमेश गुप्ता ने तीन सदस्यों वाली एक विशेष अनुशासनात्मक समिति का गठन किया है.
ये भी पढ़ें- भारत में Religious Conversion के धंधे की पूरी कहानी, देश-विदेश से होती है फंडिंग
उन्होंने बताया कि आरोपी वकील इकबाल मलिक (Iqbal Malik) को नोटिस भेजकर 7 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है. साथ ही उसे 16 जुलाई को शाम चार बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया. अगर वकील उस दिन कमेटी के सामने पेश नहीं हुआ तो उसके खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. इस कमेटी को तीन महीनों के भीतर पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. जांच की अवधि तक वकील का लाइसेंस सस्पेंड बना रहेगा.
LIVE TV