बच्चों को टीबी से बचाने के लिए लगने वाला बीसीजी (BCG) का टीका कोरोना से भी बचा रहा है. एक शोध के दौरान 1 अप्रैल को 30 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड ड्यूटी के दौरान बीसीजी (BCG) का टीका दिया गया. इनमें से कोई भी अभी तक कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) नहीं हुआ है.
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नोएडा: कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए एक तरफ जहां दुनियाभर में वैक्सीन ट्रायल (Vaccine Trial) चल रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ भारत में हुए एक शोध में ये सामने आया है कि टीबी से बचाने वाला बीसीजी (BCG) का टीका लोगों को कोरोना से भी बचा सकता है.
रिसर्च की मानें तो ये टीका कोरोना (Coronavirus) से बचाव में भी कारगर साबित हो रहा है. नोएडा सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल (COVID Hospital) की चिकित्सा अधीक्षक (MS) डॉ. रेणु अग्रवाल (Renu Agarwal) ने एक शोध किया है जिसमें ये नतीजे सामने आए हैं कि बीसीजी का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
जिन्हें नहीं दिया टीका, वो पॉजिटिव हो गए
इस शोध के दौरान 1 अप्रैल को स्टेज 1 में 30 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड ड्यूटी के दौरान नोएडा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बीसीजी का टीका दिया गया. इनमें से कोई भी अभी तक कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ है.
वहीं एक कंट्रोल ग्रुप के 50 लोगों को लिया गया. इन्हें ये टीका नहीं दिया गया था. जिसमें 16 लोग पॉजिटिव हुए हैं.
स्टेज 2 में नोएडा के कोविड हॉस्पिटल में 50 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को बीसीजी वैक्सीन 24 अगस्त को दी गई, जब वो कोविड ड्यूटी कर रहे थे. इनमें से किसी में भी कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया. वहीं जब कंट्रोल ग्रुप के 80 स्टाफ मेंबर्स को लिया गया जिन्हें ये टीका नहीं दिया गया था. इनमें 20 लोग कोविड संक्रमित पाए गए.
210 में 80 कर्मचारियों को टीका लगाया गया जबकि 130 की निगरानी बिना टीका लगाए की गई. बिना टीका लगाए लोगों में कोरोना के मामले देखने को मिले लेकिन, जिनको टीका लगा उनमें अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ है.
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इंडियन जर्नल ऑफ अप्लायड रिसर्च में ये शोध प्रकाशित किया गया है.
डॉ. रेणु अग्रवाल के मुताबिक, 80 कर्मचारियों का एक ग्रुप बनाया गया. समूह में 30 लोगों को बीसीजी का टीका लगाया गया जबकि 50 को बिना टीका लगाए कोविड ड्यूटी कराई गई. बीसीजी का टीका जिन्हें लगा था उनसे भी कोविड ड्यूटी करवाई गई.
इन सभी का हर 15 दिन पर आरटीपीसीआर (RTPCR) टेस्ट किया गया. करीब एक महीने बाद जिन कर्मचारियों को टीका नहीं लगा था उनमें 16 कोविड संक्रमित पाए गए. एमएस (MS) ने खुद को ये टीका लगवाया और वह भी अभी तक कोरोना से बची हुई हैं.
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