Maharashtra Politics: एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि अब रोटी पलटने का वक्त है. अगर इसको नहीं पलटा गया तो जल जाएगी. उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. शरद पवार ने इससे पहले बयान में कहा था कि फिलहाल यह तय नहीं है कि हम महाविकास अघाड़ी के साथ अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
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Sharad Pawar Statement: एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान से एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई है. एनसीपी की यूथ विंग के एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि अब रोटी पलटने का वक्त है. अगर इसको नहीं पलटा गया तो जल जाएगी. उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. शरद पवार ने इससे पहले बयान में कहा था कि फिलहाल यह तय नहीं है कि हम महाविकास अघाड़ी के साथ अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा उन्होंने महाविकास अघाड़ी की संयुक्त रैलियों में भी शरीक नहीं होने का ऐलान किया है.अब शरद पवार का नया बयान सामने आया है.
'अगर रोटी को नहीं घुमाया तो जल जाएगी'
दरअसल मुंबई में एनसीपी की यूथ विंग का एक कार्यक्रम हो रहा था. इसमें शरद पवार पहुंचे थे. उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा, 'अब बारी आती है रोटी बेलने की. तवे पर रोटी को घुमाना है, अगर नहीं घुमाया तो जल जाएगी. इसलिए रोटी के चक्कर में देरी करने से काम नहीं चलेगा. कुछ लोगों की समाज में कोई जगह हो या नहीं हो, कार्यकर्ताओं के बीच सम्मान होता है. भले ही उनके पास पद हो या न हो. उस सम्मान को हासिल करने के लिए अगला कदम उठाने के लिए तैयार रहना होगा.' गौरतलब है कि उनके भतीजे अजित पवार कुछ समय से नॉट रीचेबल चल रहे थे. हालांकि मीडिया के सामने उन्होंने बीजेपी में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था.
'चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा'
आगे एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, 'सोचिए किसको टॉप पर लाना है. नगर निकाय चुनाव में संगठन की ओर से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा.' पार्टी के सीनियर नेताओं को शरद पवार ने काम करने की सलाह दी है. पहले ही शरद पवार के बयानों के कारण महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है. उन्होंने बीते दिनों कारोबारी गौतम अडानी से सिल्वर ओक स्थित आवास पर दो घंटे तक मुलाकात की थी. इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि हिंडनबर्ग और अडानी मामले में संयुक्त जांच समिति (JPC) का मतलब नहीं है. पीएम मोदी पर हुए निजी हमलों पर भी उनका बयान सामने आया था. उन्होंने राजनीति में बयानबाजी के स्तर की वकालत की थी.