Manish Sisodia Case: मनीष सिसोदिया को कोर्ट से झटका, 4 मार्च तक सीबीआई को मिली कस्टडी
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Manish Sisodia Case: मनीष सिसोदिया को कोर्ट से झटका, 4 मार्च तक सीबीआई को मिली कस्टडी

Manish Sisodia CBI Case: मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा, पुलिस को डिप्टी सीएम को गिरफ्तार करते वक्त इसकी वजह बतानी चाहिए थी. अगर सीआरपीसी की धारा 41 का पालन नहीं होता है तो ऐसे में बेल मिलनी ही चाहिए. मनीष के वकील गिरफ्तारी से पहले जांच अधिकारी को ये सोचना चाहिए कि इसका मकसद क्या है और इससे हासिल क्या होगा?

Manish Sisodia Case: मनीष सिसोदिया को कोर्ट से झटका, 4 मार्च तक सीबीआई को मिली कस्टडी

Liquor Policy Case: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को झटका लगा है. कोर्ट ने 4 मार्च तक सिसोदिया को सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया है. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच दलीलों का लंबा दौर चला.सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी. 

मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा है कि जितनी भी धाराएं उनके क्लाइंट पर लगाई गई हैं उनमें 7 साल की तक की सजा है. मनीष के वकील ने कहा कि ये गिरफ्तारी न सिर्फ मेरे क्लाइंट के खिलाफ असॉल्ट है बल्कि एक संस्था (सरकार) के खिलाफ भी है. उन्होंने कहा जो भी शराब नीति में प्रॉफिट के संबंध में 5 से 12 प्रतिशत के जो बदलाव किए ,वो नोट का हिस्सा था जिसे एलजी को भेजा गया था, जिसमें एलजी द्वारा तब कोई बदलाव का सुझाव नहीं दिया गया था. शराब नीति को सिसोदिया ने सार्वजनिक डोमेन में रखा था, पारदर्शिता रखी गई. उपराज्यपाल के कार्यालय में पहुंचने पर ही इसे अमलीजामा पहनाया गया.

मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा, पुलिस को डिप्टी सीएम को गिरफ्तार करते वक्त इसकी वजह बतानी चाहिए थी. अगर सीआरपीसी की धारा 41 का पालन नहीं होता है तो ऐसे में बेल मिलनी ही चाहिए. मनीष के वकील गिरफ्तारी से पहले जांच अधिकारी को ये सोचना चाहिए कि इसका मकसद क्या है और इससे हासिल क्या होगा? गिरफ्तार करने की शक्तियों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण होना चाहिए. आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार किया था. राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था. सीबीआई ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किए गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से पता चलता है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला किया. 
 
सीबीआई ने अदालत से कहा कि पूछताछ के लिए उसे सिसोदिया की हिरासत की जरूरत है. वहीं, सिसोदिया के वकील ने उन्हें हिरासत में देने की सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया. उन्होंने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.

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