RRB-NTPC Result: रेलवे के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे कम्युनिस्ट छात्र संगठन, किया इस आंदोलन का ऐलान
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RRB-NTPC Result: रेलवे के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे कम्युनिस्ट छात्र संगठन, किया इस आंदोलन का ऐलान

रेलवे (Indian Railway) के RRB-NTPC Result में हुई कथित धांधली के खिलाफ अब कम्युनिस्ट छात्र संगठन आइसा (AISA) और इनौस भी मैदान में उतर आए हैं. दोनों संगठनों ने 28 जनवरी को आंदोलन करने की बड़ी घोषणा की है. 

भर्ती परीक्षा के खिलाफ बिहार में प्रदर्शन करते अभ्यर्थी (फाइल फोटो)

RRB-NTPC Result: रेलवे (Indian Railway) के RRB-NTPC Result में कथित धांधली के खिलाफ 28 जनवरी को बिहार (Bihar) बंद का ऐलान किया गया है. यह ऐलान वामपंथी छात्र संगठनों आइसा (AISA) और इनौस ने किया है. इस बंद को सफल बनाने के लिए गुरुवार को दोनों संगठनों ने कई जिलों में मार्च भी निकाला.

  1. 'चुनाव तक मामले को टालने की साजिश'
  2. '4 लाख अभ्यर्थियों को बाहर करने की तैयारी'
  3. '2 चरणों में क्यों होनी चाहिए ग्रुप डी की परीक्षा'

'चुनाव तक मामले को टालने की साजिश'

दोनों संगठनों ने गुरुवार को बयान जारी करके कहा, 'अभ्यर्थियों की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर किसी भी प्रकार का संदेह नहीं है. चरम बेरोजगारी की मार झेल रहे छात्र-युवाओं का यह व्यापक आंदोलन ऐसे वक्त खड़ा हुआ है, जब यूपी में चुनाव है. इसी के दबाव में सरकार व रेलवे का यह प्रस्ताव आया है. इसके जरिए चुनाव तक इस मामले को टालने की साजिश रची जा रही है. विगत 7 वर्षों से देश के युवा मोदी सरकार के छलावे को ही देखते आए हैं. यही वजह है कि उनका गुस्सा इस स्तर पर विस्फोटक हुआ है.'

'4 लाख अभ्यर्थियों को बाहर करने की तैयारी'

दोनों छात्र संगठनों ने पूछा, 'स्नातक स्तरीय 35277 पदों के लिए हुई परीक्षा के पीटी रिजल्ट को लेकर उठाए जा रहे सवाल को समझने में रेलवे प्रशसन (Indian Railway) को क्या दिक्कत है, जो वह जांच कमिटी का झुनझुना थमा रही है. कोई एक अभ्यर्थी एक से अधिक पदों पर सफल हो सकता है, लेकिन वह एक अभ्यर्थी ही है और इसलिए उसकी गिनती एक व्यक्ति के बतौर ही होनी चाहिए न कि अनेक. इस तरह 7 लाख अभ्यर्थियों की जगह सही अर्थों में महज 2 लाख 76 हजार अभ्यर्थियों को ही चयनित किया जा रहा है और 4 लाख 24 हजार अभ्यर्थियों (यानी दो तिहाई) को रोजगार के मौके से ही बाहर कर दिया जा रहा है. इसलिए रेल मंत्रालय को 7 लाख संशोधित रिजल्ट को फिर से प्रकाशित करना चाहिए.'

'2 चरणों में क्यों होनी चाहिए ग्रुप डी की परीक्षा'

आइसा और इनौस ने कहा, 'जहां तक ग्रुप डी का मामला है, उसमें परीक्षा स्थगित कर दी गई है. यह समझ से परे है कि ग्रुप डी तक की नौकरियों के लिए दो परीक्षा क्यों होगी? इसमें भी अभ्यर्थियों की साफ मांग है कि पहले के नोटिफिकेशन के आधार पर केवल एक परीक्षा ली जाए और दूसरे नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए. इसमें भी कोई कन्फयूजन नहीं है. रेलवे (Indian Railway) जानबूझकर मामले को उलझा रहा है. छात्र-युवा इस बार सरकार के झांसे में नहीं आने वाले हैं.'

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शुक्रवार को बिहार बंद में साथ देने की अपील

इस मौके पर इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक मनोज मंजिल, आइसा के महासचिव व विधायक संदीप सौरभ, इनौस के मानद राज्य अध्यक्ष व विधायक अजीत कुशवाहा, इनौस के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, आइसा के राज्य अध्यक्ष विकास यादव, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन व आइसा के राज्य सचिव सब्बीर कुमार भी पटना में इकट्ठा हुए और लोगों से शुक्रवार को होने वाले बिहार बंद में साथ देने की अपील की. 

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