बाला साहेब ठाकरे की जयंती से पहले 'शिवसेना' में बवाल, शिंदे-उद्धव गुट आमने-सामने
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बाला साहेब ठाकरे की जयंती से पहले 'शिवसेना' में बवाल, शिंदे-उद्धव गुट आमने-सामने

Maharashtra Politics: 17 नवंबर को बाला साहेब ठाकरे की जयंती है. इससे पहले शिवसेना के शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट में जंग छिड़ गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज गुरुवार को शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके तुरंत बाद शिवाजी पार्क मैदान में बड़ा विवाद खड़ा हो गया.

बाला साहेब ठाकरे की जयंती से पहले 'शिवसेना' में बवाल, शिंदे-उद्धव गुट आमने-सामने

Maharashtra Politics: 17 नवंबर को बाला साहेब ठाकरे की जयंती है. इससे पहले शिवसेना के शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट में जंग छिड़ गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज गुरुवार को शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके तुरंत बाद शिवाजी पार्क मैदान में बड़ा विवाद खड़ा हो गया. सीएम शिंदे के वहां से निकलते ही उद्धव गुट के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए. दोनों गुटों में जमकर नारेबाजी और झड़प की खबर सामने आई है.

उद्धव गुट का गंभीर आरोप

उद्धव गुट के नेता अनिल देसाई ने कहा कि कल (17 नवंबर) हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. बाला साहेब ठाकरे का स्मृति दिवस उन लोगों का स्मृति दिवस है जिन्होंने मराठी लोगों, महाराष्ट्र और देश के लिए अपना पूरा जीवन बलिदान कर दिया. यह स्मृति दिवस हमारे लिए शांति से अपना सम्मान व्यक्त करने का है. शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बाकी लोग तमाशा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर कोई यहां अशांति फैलाने की कोशिश करेगा तो हम गड़बड़ी नहीं होने देंगे.

शांति की अपील

अनिल देसाई ने कहा कि हमने शांति की अपील की है. जो कोई भी शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को जानता है, जो शिव सेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के शिष्टाचार को जानता है, वो यहां नुकसान नहीं पहुंचाएगा. इस दौरान देसाई ने यह भी कहा कि कोई किसी को परेशान नहीं कर रहा है.

शिंदे गुट ने साधा निशाना

शिंदे गुट की नेता शीतल म्हात्रे ने भी ठाकरे गुट पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम शिंदे गुट नहीं बल्कि शिव सेना हैं. हम असली शिवसेना हैं. हमारे पास धनुष-बाण है. उन्होंने उद्धव गुट के लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें मारने के लिए रॉडें निकाली गईं, कल कोई भ्रम न हो इसलिए मुख्यमंत्री ने आज यह फैसला लिया. आज उन्हें यहां आने की क्या जरूरत थी? ये इतनी बड़ी संख्या में क्यों आये? आपने स्मारक की पवित्रता नष्ट कर दी है. उन्हें शर्म आनी चाहिए. आप महिलाओं को धक्का देते हैं. उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है.

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