रूस भारत को देगा सबसे खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम S-400, जानिए क्या है इसकी खूबियां
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रूस भारत को देगा सबसे खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम S-400, जानिए क्या है इसकी खूबियां

भारतीय सेना को पहले से और भी मजबूत और चीन से बेहतर डिफेंस सिस्टम देने के लिए रूस ने भारत से अपनी पुरानी दोस्ती निभाते हुए एस-400 डिफेंस सिस्टम के समझौते पर सहमति जताई है.

S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के माध्यम से एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराया जा सकता है.

सेंट पीटर्सबर्ग: भारतीय सेना को पहले से और भी मजबूत और चीन से बेहतर डिफेंस सिस्टम देने के लिए रूस ने भारत से अपनी पुरानी दोस्ती निभाते हुए एस-400 डिफेंस सिस्टम के समझौते पर सहमति जताई है.

39,000 करोड़ रुपए की लागत 

रूस के उप-प्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन ने कहा है कि रूस, भारत को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की सप्‍लाई करने की तैयारी कर चुका है. यह ऐलान गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादीमिर पुतिन की मुलाकात के बाद हुआ है. 39,000 करोड़ रुपए की लागत के साथ भारत ने रूस से एस-400 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम खरीदने की डील की थी.

मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम दुनिया का सबसे खतरनाक मिसाइल सिस्‍टम 

सबसे खतरनाक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम यह मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम दुनिया का सबसे खतरनाक मिसाइल सिस्‍टम माना जाता है. भारत और पाकिस्‍तान के बीच बढ़े तनाव में इस खरीद को एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

इस डिफेंस सिस्टम की ये हैं खासियतें

S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के माध्यम से एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराया जा सकता है.भारत में इस सिस्टम के शामिल होने के बाद पाकिस्तान और खास तौर से चीन से निपटने में खासी मदद मिलेगी.

भारत हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा

इस सिस्‍टम के बाद भारत, चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा.  रूस ने कहा कि वह भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 डिफेंस की आपूर्ति के लिए तैयारी कर रहा है और दोनों सरकारें शर्तों पर सामान्य चर्चा कर रही हैं. रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति को लेकर प्री-कॉनट्रेक्ट की तैयारियां की जारी हैं.

हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सिस्टम कब तक भारत को मिलेगा और इसमें कितना समय लगेगा यह कहना थोड़ा मुश्किल है. यह दो सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं. 

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