Sarabjit Singh: 34 साल पहले गलती से बॉर्डर पार कर गए थे सरबजीत, जानिए कैसे जेल में हुआ था दर्दनाक अंत; अब हत्यारा पहुंचा हूरों के पास!
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Sarabjit Singh: 34 साल पहले गलती से बॉर्डर पार कर गए थे सरबजीत, जानिए कैसे जेल में हुआ था दर्दनाक अंत; अब हत्यारा पहुंचा हूरों के पास!

Sarabjit Singh Pakistan: पाकिस्तान के बुरे कर्मों का कोई अंत नहीं है. पड़ोसी मुल्क होते हुए भी यह भारत के साथ हमेशा छल ही करता रहा है. आज जब सरबजीत का हत्यारा मारा गया तो पाकिस्तान के पापों की फाइल फिर खुल गई.

Sarabjit Singh: 34 साल पहले गलती से बॉर्डर पार कर गए थे सरबजीत, जानिए कैसे जेल में हुआ था दर्दनाक अंत; अब हत्यारा पहुंचा हूरों के पास!

Sarabjit Singh Pakistan: पाकिस्तान के बुरे कर्मों का कोई अंत नहीं है. पड़ोसी मुल्क होते हुए भी यह भारत के साथ हमेशा छल ही करता रहा है. आज जब सरबजीत का हत्यारा मारा गया तो पाकिस्तान के पापों की फाइल फिर खुल गई. सरबजीत के हत्यारे को उसके कर्मों की सजा मिली है! जिस हत्यारे को पाकिस्तान ने निर्दोष साबित कर दिया था उसे अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया. इस वाकये ने सरबजीत के साथ पाकिस्तान में हुई बर्बरता के जख्म को एक बार फिर ताजा कर दिया है.  

सरबजीत की उम्र महज 26 साल थी..

निर्दोष सरबजीत का नाम जुबां पर आते ही पाकिस्तान पर गुस्सा आता है. क्योंकि सरबजीत सिर्फ एक किसान था और पाकिस्तान ने उसे आतंकवादी घोषित कर दिया... तब सरबजीत की उम्र महज 26 साल थी और वे गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे. इसके बाद उनकी जिंदगी जहन्नुम से भी बदतर हो गई.

सरबजीत ने एक चिट्ठी लिखी थी..

1990 में पाकिस्तान में गिरफ्तारी के बाद सरबजीत ने एक चिट्ठी लिखी थी और अपनी बेगुनाही के सबूत दिए थे. उन्होंने लिखा था कि उस रात में शराब के नशे में था. इतना नशे में था कि कब बॉर्डर पार कर गया.. बिल्कुल पता नहीं चला. वहां मुझे चेन से बांधकर पीटा गया. तब भी मुझे इतनी सुध नहीं थी कि मैं मुझे मारने वालों को पहचान पाऊं.

23 साल जेल में बिता दिए..

पाकिस्तान की अदालत ने सरबजीत को आतंकवादी घोषित कर दिया. उन्हें पाकिस्तान में हुए बम ब्लास्ट का हत्यारा करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी. मामले पर विवाद इतना गहराया कि पाकिस्तान को सरबजीत की फांसी टालते रहना पड़ा. सरबजीत ने 23 साल जेल में बिता दिए. फिर पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में उनकी हत्या की साजिश रची गई.  

सरबजीत के हत्या की साजिश

मई 2013 में जेल में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा ने अपने साथियों के साथ मिलकर सरबजीत पर जानलेवा हमला किया. उनके सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया. 6 दिन अचेत रहने के बाद सरबजीत सिंह ने लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दम तोड़ दिया.

पाकिस्तान की झूठी कहानी

पाकिस्तान का दिल यहां भी नहीं पसीजा. पाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा कि सरबजीत सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई. आमिर पर सरबजीत सिंह की हत्या के आरोप तो लगे लेकिन कोर्ट ने उसे बरी कर दिया. सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने पाकिस्तान से उनकी रिहाई के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी लेकिन असफल रहीं.

सरबजीत की बेटी ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरबजीत के हत्यारे अमीर सरफराज की हत्या पर सरबजीत की बड़ी बेटी स्वपनदीप कौर ने कहा कि कर्मों का फल यहीं पर मिल जाता है. उसे (अमीर सरफराज) उसके कर्मों की सजा मिली है. पाकिस्तान ने साजिश रचकर मेरे पापा (सरबजीत सिंह) की हत्या करवाई थी.. हो सकता है अब उसी साजिश के तहत अमीर सरफराज की भी हत्या करवाई हो.

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