Jammu Kashmir News in Hindi: यूपीए शासनकाल में देश के गृह मंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें लालचौक जाने से डर लगता था. अब उसी स्थान से गाय बचाओ पदयात्रा शुरू हुई है.
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Gaay Bachao Dharti Bachao Padyatra: देश में गौरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग को लेकर श्रीनगर के लालचौक से 'गाय बचाओ धरती बचाओ पदयात्रा' शुरू हुई. घंटाघर के लालचौक पर आयोजित एक रंगारंग समारोह में लोगों ने भारत माता की जय के नारों से माहौल गुंजायमान कर दिया. यह पदयात्रा 4900 किलोमीटर की होगी और 14 राज्यों से होते हुए 27 मार्च को कन्याकुमारी पहुंचेगी.
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग
हैदराबाद की अखिल भारत गौ सेवा फाउंडेशन की ओर से यह पदयात्रा शुरू की गई है. देश के विभिन्न हिस्सों से दो दर्जन लोगों के साथ मिलकर यह अभियान शुरु किया गया है. इसका उद्देश्य देशभर के लोगों को गायों के महत्व के बारे में जागरूक करना है. साथ ही देश के राजनेताओं पर गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए दबाव बनाना है. इस पदयात्रा में प्रतीक के रूप में एक गाय भी शामिल की गई है.
छह महीने तक चलेगी पदयात्रा
मिशन के प्रमुख बाल कृष्ण गुरुस्वामी ने कहा कि पदयात्रा के दौरान 6 महीने तक यह गाय उनके साथ रहेगी. यह यात्रा सभी राजनेताओं को संदेश देने के लिए है कि उन्हें गायों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी मांग गायों को बचाने और पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने की है. उन्होंने मांग की कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए यदि गाय सुरक्षित है, तो हम सभी सुरक्षित हैं.
लालचौक पर बज रहा था देशभक्ति संगीत
यह समारोह लाल चौक के क्लॉक टावर पर आयोजित किया गया था, जहां कई लोग एकत्र हुए थे. इस दौरान एक आर्केस्ट्रा देशभक्ति के गीत बजा रहा था. साथ ही बीच- बीच में पारंपरिक कश्मीरी संगीत भी बज रहा था. कई कश्मीरी लोग जो वहां से गुजर रहे थे, उन्होंने समारोह में भाग लिया. मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरिंदर अंबरदार थे.
गाय एक दिव्य पशु- सुरिंदर अंबरदार
अंबरदार ने कहा कि गाय एक दिव्य पशु है और हम इसे अपनी मां के रूप में मानते हैं. यह अहिंसा का प्रतीक है. हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि अगर हमें पृथ्वी को बचाना है तो हमें गाय को बचाना होगा. बीजेपी नेता ने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य गौरक्षा और स्थिरता का संदेश फैलाना है, मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है.
उन्होंने कहा कि यह पिछले 5 वर्षों से मोदी जी की नीति है, जिसने हैदराबाद के लोगों को लाल चौक से गाय बचाने और पृथ्वी बचाने के लिए जागरूकता शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया. ऐसा लगता है कि कश्मीर की परंपरा पुनर्जीवित हो रही है.
अनुच्छेद 370 निरस्त होने से बदल गया माहौल
बताते चलें कि कश्मीर के श्रीनगर में बना लाल चौक दशकों से देश विरोधी गतिविधियों के लिए जाना जाता था, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घंटाघर एक अलग कहानी देख रहा है. अब वह लोगों और पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है.