Supreme Court: इस मामले पर अब तीन जजों की बेंच अगले हफ्ते सुनवाई करेगी. पिछले साल दिए इस फैसले में कोर्ट ने माना था कि एससी-एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की व्यवस्था के चलते कई बार बेकसूर लोगों को जेल जाना पड़ता है.
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नई दिल्ली: एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को हल्का करने के पिछले साल दिए गए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र सराकर (Central Government) के पुनर्विचार याचिका को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने आगे विचार के लिए तीन जजों की बेंच के पास भेज दिया है. इस मामले पर अब तीन जजों की बेंच अगले हफ्ते सुनवाई करेगी.
पिछले साल दिए इस फैसले में कोर्ट ने माना था कि एससी-एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की व्यवस्था के चलते कई बार बेकसूर लोगों को जेल जाना पड़ता है. कोर्ट ने फैसले में तुंरत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. हालांकि बाद में सरकार ने रद्द किए गए प्रावधानों को दोबारा जोड़ दिया था.
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आपको बता दें कि कोर्ट ने इस एक्ट के तहत दो फैसले दिए थे, पहले आदेश में कोर्ट ने कहा था कि दलित उत्पीड़न मामले में अग्रिम जमानत का प्रावधान होगा, जबकि दूसरे आदेश के तहत कहा गया था कि गिरफ्तारी से पहले मामले की जांच की जाएगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में इसका काफी विरोध हुआ था. भारी विरोध और राजनीतिक दबाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कोर्ट से अपील की थी कि वह अपने फैसले पर फिर से विचार करें.