Dal Lake Srinagar and Alligator gar: श्रीनगर की मशहूर डल झील में एलीगेटर गार मछली मिलने की वजह से हड़कंप मच गया है. इस प्रजाति की वजह से झील के अन्य प्रजातियों पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है.
Trending Photos
Dal Lake Srinagar and Alligator gar News: जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में मौजूद डल झील सैलानियों के बीच बहुत मशहूर है लेकिन अब इस डल झील में मछली की एक अलग प्रजाति ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है. खबर है कि डल झील से मांसभक्षी एलीगेटर गार मछली मिलने के बाद वैज्ञानिक और अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि जलाशय में इसकी मौजूदगी अन्य प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा है.
कैसी होती है एलीगेटर गार फिश?
इस मछली का मुंह एलीगेटर की तरह होता है, इसलिए इसे एलिगेटर गार फिश कहा जाता है. इसे झील में सफाई के दौरान पकड़ा गया है. झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (Lake Conservation and Management Authority) की वैज्ञानिक डॉ शफीका पीर ने कहा है कि एलिगेटर गार मछली आमतौर पर उत्तरी अमेरिका, भोपाल के बड़ा तालाब और केरल समेत भारत कुछ अन्य हिस्सों में पाई जाती है. शिकारी और मांसभक्षी मछली होने के चलते यह डल झील की देसी प्रजातियों के लिए खतरा पैदा कर सकती है.
इस बात ने बढ़ाई चिंता
डॉ शफीका पीर ने कहा है कि डल झील मे इसका मिलना बेहद चिंता की बात है. उन्होंने आगे कहा कि अब डल झील की देसी मछलियों का क्या होगा? भोपाल जैसे कुछ स्थानों पर इस पर प्रतिबंध है, क्योंकि यह छोटी मछलियों को खा जाती है. यह अन्य प्रजातियों के लिए खतरा भी पैदा करती हैं. पर्यावरण के लिहाज से अब तक यहां इस प्रजातियों की मछली नहीं थी. कई लोग इसे पानी का शैतान भी कहते हैं.
कहीं किसी की शरारत तो नहीं?
डॉ शफीका पीर ने कहा है कि झील में किसी अन्य एलिगेटर गार मछली की तलाश के लिए मत्स्य पालन विभाग और ‘शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी’ (Sher-e-Kashmir University of Agricultural Sciences and Technology) के मत्स्य पालन विभाग ने आपस में हाथ मिलाया है. वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि क्या यह सिर्फ एक मछली है और यह संयोगवश झील में कहीं से आ गई है, या फिर किसी ने जान बूझकर इसे यहां छोड़ा है?
कहां से आई शिकारी मछली?
मत्स्य पालन विभाग में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी अत्ताउल्लाह खान ने कहा कि अब तक दो एलिगेटर गार मछलियां पकड़ी गई हैं. ये मछलियां अमेरिका में पाई जाती हैं लेकिन एक्वेरियम वाले किसी तरह से इन्हें खरीद लेते हैं और जब ये बहुत बड़ी हो जाती हैं तो इन्हें पास के जलाशय में छोड़ देते हैं. अधिकारी ने कहा कि घबराने की बात नहीं है और जलाशयों को सुरक्षित करने के लिए हर कदम उठाया जाएगा. अत्ताउल्लाह खान ने आशंका जताई है कि झील में ऐसी और मछलियां हो सकती हैं.
(इनपुट: एजेंसी)