कुलदीप नैयर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर की थी. वह समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे.
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नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का बुधवार (22 अगस्त) देर रात निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. दोपहर एक बजे लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Veteran journalist Kuldeep Nayyar passed away last night in a Delhi hospital. He was 95 years old. pic.twitter.com/SSD99EHwRv
— ANI (@ANI) August 23, 2018
कुलदीप नैयर काफी दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे. उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं. आपको बता दें कि कुलदीप नैयर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर की थी. वह समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे. पत्रकारिता के अलावा वह बतौर एक्टिविस्ट भी कार्यरत थे. इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को भी गिरफ्तार किया गया था.
कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त 1924 में सियालकोट में हुआ था. कुलदीप नैयर ने लॉ की डिग्री लाहौर में ली थी. उन्होंने यूएसए से पत्रकारिता की डिग्री ली और दर्शनशास्त्र से पीएचडी की.
उन्होंने भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई सालों तक काम किया. इसके बाद वो यूएनआई, पीआईबी, द स्टैटसमैन और इंडियन एक्सप्रेस के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे. वह 25 सालों तक 'द टाइम्स लंदन' के संवाददाता भी रहे. वह शांति और मानवाधिकारों को लेकर अपने रुख के लिए कारण जाने जाते हैं. उनका कॉलम 'बिटवीन द लाइन्स' काफी चर्चित रहा, जिसे 80 से ज्यादा अखबारों ने प्रकाशित किया था.
कुलदीप नैयर 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे. 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था, अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था. इतना ही नहीं कुलदीप नैयर डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, प्रभासाक्षी सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम और ऑप-एड लिखते हैं.