Atique Ahemd Empire: अतीक अहमद (Atique Ahmed) के मर्डर के बाद क्या उसका गैंग खत्म हो जाएगा या अभी भी कोई इतना शातिर बचा है जो उसके पूरे साम्राज्य को टेकओवर कर लेगा. इस बीच, एक ऐसे इंसान का नाम सामने आया है जिसके इरादे खतरनाक साबित हो सकते हैं.
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Atique Ahmed Gang Leader: माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की हत्या के बाद अब सवाल उठ रहा है क्या अतीक गैंग पूरी तरह खत्म हो जाएगा या फिर अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) अपने चार बेटों के साथ मिलकर अतीक के काले कारोबार को संभालेगी. इन सवालों के बीच शाइस्ता परवीन, अतीक और अशरफ को सुपुर्द-ए-खाक करते वक्त भी सामने नहीं आई और उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) में अभी भी पुलिस को शाइस्ता की तलाश है. जान लें कि पति माफिया अतीक अहमद और देवर अशरफ के जेल जाने के बाद से ही शाइस्ता उसका साम्राज्य संभाल रही थी. इसके अलावा उमेश पाल मर्डर केस में शाइस्ता परवीन पर बड़ी भूमिका निभाने का आरोप है. अपने बेटे की मौत के बाद भी शाइस्ता परवीन सामने नहीं आई. इससे क्या बड़े संकेत मिल रहे हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं.
अतीक की गद्दी संभालेगी शाइस्ता?
लेडी डॉन शाइस्ता परवीन कहां छिपी है? क्या वह अतीक और अशरफ की मौत के बाद गैंग की कमान संभालेगी? क्या पति, देवर और एक बेटे की मौत के बाद अब चार बेटों के साथ मिलकर वो माफिया की गद्दी संभालेगी इस पर चर्चा शुरू हो चुकी है. दरअसल, शाइस्ता अतीक का कारोबार देख रही है. अतीक गैंग में उसका रसूख बरकरार है. उमेश पाल मर्डर में उसने कथित रूप से बड़ी भूमिका निभाई. शूटरों को उसने 50—50 हजार रुपये भी दिए. नामजद एफआईआर के बाद से शाइस्ता फरार है. शाइस्ता के 4 बेटे अभी जिंदा हैं.
इतनी शातिर है शाइस्ता परवीन!
जान लें कि शाइस्ता इतनी शातिर है कि बेटे और पति की मौत के बाद भी सामने नहीं आई और पुलिस अभी भी उसकी परछाईं का पीछा कर रही है. वैसे नकाब में शाइस्ता ने अपने पति अतीक का संदेश समर्थकों को देना बहुत पहले से शुरू कर दिया था. पति अतीक और देवर अशरफ के जेल जाने के बाद शाइस्ता ने कभी समाजवादी पार्टी से नजदीकी बढ़ाई तो कभी एआईएमआईएम और बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा ताकि सियासी मजबूती हासिल करके कमजोर होते साम्राज्य को फिर से मजबूत किया जाए.
शाइस्ता परवीन के सियासी ख्वाब!
गौरतलब है कि अतीक की ही तरह शाइस्ता भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी. यूपी विधानसभा चुनाव में तो ओवैसी की पार्टी ने शाइस्ता को अतीक की सीट प्रयागराज शहर पश्चिमी से उम्मीदवार भी बना दिया था लेकिन आखिरी वक्त में शाइस्ता ने पर्चा नहीं भरा था. इस बार प्रयागराज मेयर के चुनाव में शाइस्ता का बीएसपी का उम्मीदवार बनना तय था. लेकिन पहले उमेश पाल मर्डर फिर शाइस्ता की फरारी से बीएसपी ने उसका टिकट काट दिया. फिलहाल उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को उसकी तलाश जारी है. शाइस्ता पुलिस की गिरफ्त में आएगी या फिर अंडरग्राउंड रहकर गैंग को संचालित करने की कोशिश करेगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
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