Citizenship Amendment Act News: सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) कब लागू होगा, इसका इंतजार 2019 से किया जा रहा है. हालांकि, अब केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने सीएए को लेकर नई गारंटी दी है.
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Shantanu Thakur Guarantee On CAA: बीजेपी समर्थकों का मानना है कि राम मंदिर (Ram Mandir) का वादा पूरा हो चुका है और अब अगली नजर सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) है. पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि 7 दिनों के अंदर देश में CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू हो जाएगा. जान लें कि शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल से ही सांसद हैं. शांतनु ठाकुर ने एक जनसभा में कहा कि वो मंच से गारंटी दे रहे हैं कि अगले 7 दिन में सिर्फ बंगाल ही नहीं, पूरे देश में CAA लागू होगा. आइए समझते हैं कि इसके क्या मायने हैं.
अगले 7 दिन में पूरे देश में CAA?
बता दें कि केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि 7 दिन में CAA लागू हो जाएगा. बंगाल ही नहीं, पूरे देश में 7 दिन में CAA लागू होगा. देश के हर राज्य में CAA लागू होगा. देश में CAA लागू होगा ये मेरी गारंटी है.
क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट?
जान लें कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 3 पड़ोसी देशों के प्रवासियों की नागरिकता से जुड़ा कानून है. ये पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रवासियों के लिए नियम है. CAA से इन 3 देशों के 6 गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दी जाएगी. इसमें गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियमों में ढील दी गई है. ये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लिए नागरिकता है. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 31 दिसंबर 2014 से पहले आए प्रवासियों के लिए है. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट नागरिकता कानून 1955 के आधार पर बना है.
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट कब बना?
गौरतलब है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था. यह पाकिस्तान,अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए है. इसका मकसद 3 पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देना है.
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट में क्या नहीं है?
CAA में किसी की नागरिकता छीने जाने का प्रावधान नहीं है. इसका विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें 3 देशों के अल्पसंख्यकों को ही शरण देने का प्रावधान है. मुस्लिम इसमें शामिल नहीं हैं. नागरिकता दिए जाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. आवेदक अल्पसंख्यकों यानी गैरमुस्लिमों को दस्तावेज नहीं देने होंगे. 9 राज्यों में जिलों के DM को नागरिकता देने का अधिकार होगा.