शिर्डी वासियों ने शिर्डी बंद खत्म करने का ऐलान कर दिया है. आज रात से शिर्डी की दुकानें और बाजार खुल जाएंगे.
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शिर्डी: स्थानीय लोगों ने शिर्डी बंद खत्म करने का ऐलान कर दिया है. आज रात से शिर्डी की दुकानें और बाजार खुल जाएंगे. बता दें कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के शिर्डी (Shirdi) में साईं बाबा (Sai Baba) के जन्म स्थान को लेकर विवाद छिड़ गया था. ये विवाद सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) के शिर्डी से करीब 270 किलोमीटर दूर पाथरी में विकास के लिए दिए गए 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा के बाद शुरू हुआ था. जिसका शिर्डी के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था.
उसी के विरोध में आज शिर्डी में स्थानीय लोगों ने बंद का ऐलान किया था. हालांकि साईं बाबा के मंदिर को इस बंद से अलग रखा गया था. साईं बाबा मंदिर के न्यासियों के मुताबिक शिर्डी बंद के बावजूद साईं मंदिर खुला था. शिर्डी में मौजूद साईं मंदिर में दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु सालभर आते रहते हैं.
गौरतलब है कि ये विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान में सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था. कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान मानते हैं और इसके लिए वे रिसर्च मैटेरियल होने का दावा भी करते हैं, जबकि शिर्डी के लोगों का दावा है कि साईं बाबा का जन्म स्थान अज्ञात है.
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साईं स्मारक समिति पाथरी के कार्यकारी ट्रस्टी अतुल चौधरी ने कहा कि पाथरी ही साईं बाबा का जन्म स्थान है. उन्होंने कहा कि हमारे पास इससे जुड़े रिसर्च मैटेरियल हैं. जबकि शिर्डी के लोगों का दावा है कि साईं बाबा का जन्मस्थान अज्ञात है.
दूसरी तरफ पाथरी की साईं स्मारक समिति का कहना है कि हम शिर्डी के लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर कोई विवाद न हो. पाथरी की साईं स्मारक समिति का दावा है कि पाथरी साईं बाबा की जन्मभूमि है जबकि शिर्डी साईं की कर्मभूमि है. पाथरी के लोगों ने शिर्डी के लोगों से विवाद को और आगे नहीं बढ़ाने की अपील की है.