Adar Poonawalla की सरकार से अपील, 'COVID-19 Vaccine बनाने वालों को मुकदमेबाजी से बचाएं'
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Adar Poonawalla की सरकार से अपील, 'COVID-19 Vaccine बनाने वालों को मुकदमेबाजी से बचाएं'

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawala) ने कहा कि सरकार को टीका निर्माताओं को सभी प्रकार के कानूनी दावों से बचाने के लिए आगे आना चाहिए.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और देश में अब तक 1 करोड़ से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा कि टीका निर्माताओं को सभी प्रकार के कानूनी दावों से बचाया जाना चाहिए.

  1. सीरम इंस्टीट्यूट का ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से करार
  2. जल्द आपातकालीन-उपयोग की अनुमति मिलने की उम्मीद
  3. पूनावाला ने कहा- कानूनी दावों से बचाया जाना चाहिए

'गलत दावों से पैदा होती है आशंका'

सीरम इंस्टीट्यूट (SII) सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कार्नेगी इंडिया के वैश्विक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में कहा कि टीका निर्माता भारत सरकार के सामने यह बात रखने जा रहे है. इसके साथ ही उन्होंने टीका बनाने में आने वाली चुनौतियां गिनाते हुए कहा कि कुछ तुच्छ दावे करते हुए मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. इससे आशंका पैदा होती है कि ऐसा टीके के कारण हुआ ही होगा. इस आशंका को दूर करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए और सही बात लोगों को बतानी चाहिए.

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पूनावाला ने अमेरिका का दिया उदाहरण

पूनावाला (Adar Poonawalla) ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को सभी कानूनी दावों से बचाव के लिए सरकारी कवच मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका में सरकार ने वास्तव में इस तरह के संरक्षण का प्रावधान कर भी दिया है.

चेन्नई के शख्स ने मांगा था 5 करोड़ मुआवजा

पिछले महीने चेन्नई के रहने वाले 40 साल के एक व्यक्ति ने कोविशील्ड टीका के परीक्षण में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव का आरोप लगाया था और तंत्रिका तंत्र व स्मरण शक्ति को क्षति पहुंचने की शिकायत की थी. इसके बाद उसने सीरम इंस्टीट्यूट से 5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था, लेकिन कंपनी ने आरोपों को खारिज कर दिया था.

सीरम इंस्टीट्यूट का एस्ट्राजेनेका से करार

बता दें कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी AstraZeneca के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन के निर्माण के लिए समझौता किया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका का दावा है कि उनकी कोरोना वैक्सीन के अंतिम चरण के ​​परीक्षणों में 90 फीसदी प्रभावी है.

जल्द आपातकालीन उपयोग की उम्मीद

अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा कि इस महीने के अंत तक पैनल से वैक्सीन के आपातकालीन-उपयोग की अनुमति मिलने की उम्मीद की जा रही है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) का टीकाकरण जनवरी 2021 तक शुरू होने की संभावना है.

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