UNSC के मंच से तालिबान को भारत का कड़ा संदेश, कहा- पड़ोसी होने के नाते चिंता का विषय
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UNSC के मंच से तालिबान को भारत का कड़ा संदेश, कहा- पड़ोसी होने के नाते चिंता का विषय

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी और लोगों के दोस्त होने के चलते मौजूदा स्थिति हमारे लिए सीधी चिंता का विषय है.

टीएस तिरुमूर्ति (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए हालात को लेकर भारत ने एक बार फिर चिंता जताई है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में मुद्दे को उठाया है. यूएनएससी में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं.

  1. भारत ने UNSC की बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया
  2. भारत ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते हमारे लिए चिंता का विषय
  3. 'अफगान महिलाओं की आवाज सुनने की जरूरत'
  4.  

पड़ोसी होने के नाते चिंता का विषय: भारत

टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा, 'अफगानिस्तान के पड़ोसी और लोगों के दोस्त होने के चलते मौजूदा स्थिति हमारे लिए सीधी चिंता का विषय है.' उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में एक ऐसी व्यवस्था का आह्वान करता है, जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है. एक ऐसी सरकार हो जिसे अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता और वैधता मिले.

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'प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाना चाहिए'

काबुल हमले का जिक्र करते हुए टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि पिछले महीने एक निंदनीय हमला देखा गया. आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस संबंध में की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाए और उनका पालन किया जाए. उन्होंने कहा, 'हमने उस बयान पर भी ध्यान दिया कि अफगान बिना किसी बाधा के विदेश यात्रा कर सकेंगे. हमें उम्मीद है कि इन प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाएगा, जिसमें अफगानों और सभी विदेशी नागरिकों के अफगानिस्तान से सेफ पैसेज देने की बात शामिल है.'

'अफगान महिलाओं की आवाज सुनने की जरूरत'

टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा, 'अफगान लोगों के भविष्य के साथ-साथ पिछले दो दशकों में हासिल किए गए लाभों को बनाए रखने और निर्माण करने के बारे में अनिश्चितताएं बहुत ज्यादा हैं. हम अफगान महिलाओं की आवाज सुनने की जरूरत को दोहराते हैं. अफगान बच्चों की आकांक्षाओं को साकार करने, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने और मानवीय सहायता तत्काल प्रदान करने का हम आह्वान करते हैं और इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों को निर्बाध पहुंच प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.'

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