सोहराबुद्दीन मामला में कोर्ट में चार और गवाह बयान से मुकरे
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सोहराबुद्दीन मामला में कोर्ट में चार और गवाह बयान से मुकरे

सीबीआई ने बुधवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश एस जे शर्मा के सामने चारों गवाहों से पूछताछ की लेकिन चारों में से किसी ने भी पहले दर्ज कराए अपने बयान का समर्थन नहीं किया. 

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में गवाह बयान से पलटे (फोटोः फाइल)

मुंबईः सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में बुधवार को चार और गवाह बयान से मुकर गए हैं. इसी के साथ कुल 42 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं. अब तक 59 गवाहोंसे पूछताछ हो चुकी है. जांच एजेंसी सीबीआई ने घोषित किया है उनमें 42 गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं. सीबीआई ने बुधवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश एस जे शर्मा के सामने चारों गवाहों से पूछताछ की लेकिन चारों में से किसी ने भी पहले दर्ज कराए अपने बयान का समर्थन नहीं किया. पंच गवाह सली भरत भाई मराठी और महेशभाई शाह उस समय मौजूद थे जब अहमदाबाद के दफनाला में एटीएस के दफ्तर में पुलिस ने एक मारूती कार से खून के निशानों के नमूने जब्त किए थे.

इस कार में शेख तब यात्रा कर रहा था जब नवम्बर 2005 में मुठभेड़ हुई थी. ये दोनों गवाह ऑटो चालक हैं. दो अन्य गवाह लोडर प्रशांत पटेल और शेयर बाजार के इन्वेस्टर मेहुल शाह उस वक्त मौजूद थे जब पुलिस ने शेख के कपड़े जब्त किए थे. बहरहाल, सीबीआई के अभियोजक बीपी राजू ने जब उनसे पूछताछ की कि तो चारों गवाह पहले दिए गए बयान पर कायम नहीं रहे. इसके बाद घोषित किया गया कि वे अपने बयान से मुकर गए हैं.

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अदालत ने अक्तूबर में 22 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, अपहरण, सबूतों को नष्ट करना तथा सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे. यह मामला 26 नवम्बर 2005 में गांधीनगर के पास शेख को कथित फर्जी मुठभेड़ में मारने के संबंध में है. सभी आरोपियों ने खुद को बेगुनाह बताया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के कारोबारी विमल पाटनी, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पीसी पांडे, गुजरात की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गीता जौहरी और गुजरात के पुलिस अधिकारी अभय चूडासमा तथा एन के अमीन को मामले में आरोप मुक्त किया जा चुका है.

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