भारत चीन के बीच हुई हिंसा में बीरभूम का एक जवान शहीद हो गया और उसके परिवार वालों ने भारतीय सेना से चीन को उपयुक्त जवाब देने की मांग की.
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नई दिल्ली: भारत चीन के बीच हुई हिंसा में बीरभूम का एक जवान शहीद हो गया और उसके परिवार वालों ने भारतीय सेना से चीन को उपयुक्त जवाब देने की मांग की.
एलएसी पर चीन और भारत के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव जारी है. समय-समय पर बातचीत भी होती थी लेकिन उसका कोई हल नहीं निकल पा रहा था. उसके बाद अचानक सोमवार की रात को गलवान घाटी में हिंसा शुरू हो गई दोनों पक्षों के बीच.
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भारत और चीनी सेना के बीच की हिंसा में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए जिनमें से एक पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले थे. शहीद का नाम है राजेश ओरांग है. परिवार वालों के पास शहीद की मौत की खबर पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई. शहीद के परिवार का दावा है कि भारत को उचित जवाब देना चाहिए.
साल 2015 में राजेश ओरांग ने भारत चीन बॉर्डर पर पोस्टिंग ली थी, लेकिन कल रात को ही राजेश ओरांग की शहादत की खबर मिलते ही उसके परिवार वाले बिखर गए. देश के लिए राजेश ओरांग ने अपने आप को बलिदान कर दिया और इस पर राजेश के परिवार समेत पुरे गांव वालों को गर्व है. केवल 26 साल की उम्र में राजेश ने साल 2015 में भारतीय सेना में योगदान दिया उसके बाद उनको लद्दाख में तैनात कर दिया गया.
आखिरी बार राजेश 2019 के सितंबर के महीने में अपने घर बीरभूम आए थे. 2 हफ्ते पहले ही परिवार के साथ राजेश ने फोन पर बात की थी और कुछ दिनों बाद ही राजेश को अपने घर वापस आना था और राजेश को कई जगह घूमने भी जाना था. लेकिन अब वह सपना पूरा नहीं हुआ क्योंकि अंत में कॉफिन में बंद राजेश का शव अब उनके गांव पहुंचेगा.
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शहीद राजेश अब अपने पीछे केवल बूढ़े मां बाप को छोड़ कर चले गए. राजेश के पिता पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं और ऐसी परिस्थिति में जब अचानक कल उनके घर पर फोन आया और बताया गया कि राजेश ओरांग भारत और चीन सेना के साथ हुए संघर्ष में घायल हुए हैं और उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया है. मगर उसके थोड़ी ही देर बाद दोबारा से फोन आता है कि राजेश ओरांग अब इस दुनिया में नहीं रहे और वह शहादत हासिल कर चुके हैं.
इसके अलावा परिवार वालों को फोन पर यह भी बताया गया कि आज अर्थात बुधवार को शहीद का शव कोलकाता में पहुंचेगा. शाम 4:00 बजे करीब और उसके बाद कोलकाता से उनके गांव में सब को भेजा जाएगा. हालांकि अभी भी सटीक समय के बारे में बताया नहीं गया है कि कितने बजे शव उनके गांव पहुंचेगा. इस घटना के बाद से ही शहीद के परिवार का दावा है कि भारत सरकार जल्द से जल्द चीन को उचित जवाब दें ताकि जवानों का यह बलिदान जाया ना जाए.