सोनभद्र नरसंहार: मायावती ने कांग्रेस-SP पर साधा निशाना, कहा- घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं
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सोनभद्र नरसंहार: मायावती ने कांग्रेस-SP पर साधा निशाना, कहा- घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं

मायावती ने लिखा कि “अब इस घटना को लेकर सपा व कांग्रेस के नेताओं को अपने घड़ियाली आँसू बहाने की बजाय इन्हें वहाँ पीड़ित आदिवासियों को, उनकी जमीन वापिस दिलाने हेतु आगे आना चाहिये.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सोनभद्र के घोरावल थाना इलाके के उम्भा में 17 जुलाई को हुए नरसंहार को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती मंगलवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, अब इस घटना पर सपा और कांग्रेस के नेताओं को अपने घड़ियाली आंसू बहाने के बजाए पीड़ित आदिवासियों को उनकी जमीन दिलाने के लिए काम करना चाहिए. यही उनके लिए सबसे अधिक सहायता होगी. इससे बेहतर कुछ नहीं होगा. मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि “सोनभद्र काण्ड के पीड़ित आदिवासियों के मुताबिक पहले कांग्रेस और फिर सपा के भू-माफियाओं ने इनकी जमीन हड़प ली, जिसका विरोध करने पर इनके कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया.”

एक और दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा कि “अब इस घटना को लेकर सपा व कांग्रेस के नेताओं को अपने घड़ियाली आँसू बहाने की बजाय इन्हें वहाँ पीड़ित आदिवासियों को, उनकी जमीन वापिस दिलाने हेतु आगे आना चाहिये. तो यह सही होगा.”मायावती ने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार से कहा कि इस मामले में सख्त कदम उठाए और वहां के आदिवासियों को उनकी जमीन वापस कराए.

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को पीड़ित परिजनों के परिवार वालों से मिलकर उनका हालचाल जाना. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रियंका की इस यात्रा को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव को सोनभद्र में अपनी ही पार्टी के नेताओं के पूर्व के कृत्यों का पश्चात्ताप करना चाहिये.

पूर्वाह्न करीब 10 बजे वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचीं प्रियंका सड़क मार्ग से उम्भा गांव रवाना हुईं. इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर कहा ''चुनार के किले पर मुझसे मिलने आये उम्भा गांव के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मैंने वादा किया था कि मैं उनके गांव आऊंगी. आज मैं उम्भा गांव के बहनों—भाइयों और बच्चों से मिलने, उनका हालचाल सुनने—देखने, उनका संघर्ष साझा करने सोनभद्र जा रही हूं.''

गौरतलब है कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र स्थित इलाके में 17 जुलाई को जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए संघर्ष में 10 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी और 28 अन्य घायल हो गए थे. 

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