श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ओवैसी ने उगला जहर, कहा बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी
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श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ओवैसी ने उगला जहर, कहा बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी

अयोध्या (ayodhya) में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन से कुछ घंटे पहले AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी (asaduddin owaisi) ने जमकर जहर उगला.

असदुद्दीन ओवैसी की फाइल तस्वीर

अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर (Shree Ram Temple) के भूमि पूजन से कुछ घंटे पहले AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जमकर जहर उगला. असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के फैसले को बहुसंख्यक तुष्टिकरण बताते हुए विरोध जताया. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशा अल्लाह. 

  1. ओवैसी ने मंदिर निर्माण के फैसले पर विरोध जताया
  2. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशा अल्लाह
  3. AIMPLB ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले पर उठाए सवाल
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर आए फैसले के बाद से ही असदुद्दीन ओवैसी अलग- अलग मौकों पर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. ओवैसी के मुताबिक एक बार जहां पर मस्जिद तामीर हो जाती है. वो हमेशा मस्जिद ही रहती है. उसमें कभी भी किसी तरह का बदलाव नहीं लाया जा सकता. ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह फैसला बहुसंख्यकों को खुश करने के लिए दिया गया था.

श्री अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए 5 अगस्त की तारीख तय कर दी तो असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर सक्रिय हो उठे. मीडिया के अलग अलग तबकों से बातचीत करते हुए वे लगातार पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में शामिल न होने की अपील कर रहे थे. ओवैसी के अनुसार भारत एक सेक्युलर देश है और यहां पर संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता. ओवैसी का कहना था कि ऐसा करने से देश का संविधान खतरे में पड़ जाएगा.

उनकी अपील पर  सरकार ने कोई गौर नहीं किया और पीएम का अयोध्या का कार्यक्रम फाइनल हो गया. इससे भड़के ओवैसी ने भूमि पूजन से कुछ घंटे जहर उगलते हुए बाबरी मस्जिद के लिए एक बार फिर अपना प्रेम दिखाया. ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी इंशाअल्लाह.

ओवैसी से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी ट्वीट कर भूमि पूजन पर जहर उगला. AIMPLB ने अपने ट्वीट में कहा कि  'बाबरी मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद रहेगी. मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा कि तुर्की की हागिया सोफिया मस्जिद हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है. अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है. दिल टूटने की जरूरत नहीं है. स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है.'

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