लोगों का कहना है की मांडलगढ़ में कोई स्कूल न होने की वजह से बच्चों को भीलवाड़ा जाना पड़ता है. जिससे बच्चे बस में सवार होकर जाते हैं
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शाकिर मंसूरी/भीलवाड़ा: मांडलगढ़-भीलवाड़ा मार्ग पर गुरुवार को सवाईपुर के नजदीक निजी बस पलटने से हुए हादसे में बोरखेड़ा निवासी 12वीं के छात्र कैलाश गुर्जर की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग पर सोपुरा में जाम लगा दिया. जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई.
ग्रामीण ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मांडलगढ़ में 12वीं तक स्कूल शुरु करने की मांग की. लोगों का कहना है की मांडलगढ़ में कोई स्कूल न होने की वजह से बच्चों को भीलवाड़ा जाना पड़ता है. जिससे बच्चे बस में सवार होकर जाते हैं. वैसे ही कैलाश गुर्जर जाता था और हादसे का शिकार हो गया
साथ ही, लोगों का कहना है की बच्चे जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. नीजी चालक क्षमता से अधिक लोगों को बसों में भरकर तेज रफ्तार से बस चलाते हैं. जिससे हादसे होते हैं. लोगों ने मांग की इन नीजी चालकों पर भी लगाम लगाई जाए.
बता दें की, मांडलगढ़ के कुडी गांव के स्कूल को ग्रामीण 12वीं तक करने की मांग कर रहे हैं. जिससे बच्चों को पढ़ने के लिए भीलवाड़ा जो की मांडलगढ़ से 51 किलोमीटर दूर है जाने की जरुरुत खत्म हो जाएगी. ग्रामीण लंबे समय से गांव में स्कूल को 12 वीं तक करने की मांग कर रहे हैं हैं.लोगों का कहना है की अगर जल्द से जल्द उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो अपना विरोध तेज करेंगे
गौरतलब है कि भीलवाड़ा से मांडलगढ़ तक उपनगरीय सेवा के रूप में निजी बसे चलती है. जिनको निजी बस एसोसिएशन द्वारा डेढ़ घण्टे का समय दिया जाता है. कम समय के चलते निजी बस चालक बसों को तेज रफ्तार से चलाते है जिससे हादसे होते हैं.
--Sumit Singh, news desk