100 से ज्यादा अफसरों की ड्यूटी स्ट्रांग रूम की जांच के लिए लगाई गई है. इन सबके बीच कांग्रेस और BJP ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका के बीच कार्यकर्ताओं की भी तैनाती कर दी है.
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भोपाल/: देश की सबसे चर्चित सीट और सबसे चर्चित मुकाबला भोपाल का रहा और भोपाल लोकसभा की जनता ने साध्वी प्रज्ञा और दिग्गी राजा की किस्मत EVM में कैद कर दी लेकिन EVM की निगरानी के लिए बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के कार्यकर्ता EVM की चौकेदारी करने के लिए स्ट्रांग रूम के बाहर डटे हुए हैं. दरसल सोमवार को ईवीएम, वीवीपैट, सीयू-बीयू जमा होने के बाद दोपहर तीन बजे राजनीतिक दलों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम को सील किया गया. निगरानी के लिए 100 जवान तैनात हैं. सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है.
यहां हर आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही है. बिना अनुमति किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने पिछले विधानसभा चुनाव में हुए कांग्रेस के हंगामे को देखते हुए 8-8 घंटे के अंदर तहसीलदार और सीएसपी की स्ट्रांग रूम की निगरानी में लगाया हुआ है. कौन-कितने बजे आया और कितने बजे गया. इसकी डिटेल रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
100 से ज्यादा अफसरों की ड्यूटी स्ट्रांग रूम की जांच के लिए लगाई गई है. इन सबके बीच कांग्रेस और BJP ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका के बीच कार्यकर्ताओं की भी तैनाती कर दी है. ईवीएम की सुरक्षा भले ही सुरक्षा बल के हवाले है, लेकिन कांग्रेस, BJP और अन्य दलों के नेताओं को आशंका है कि किसी भी समय मशीनों को बदला जा सकता है.
स्ट्रांग रूम में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए कांग्रेस और BJP ने ड्यूटी कार्यकर्ताओं की लगाई है. 23 मई को रिजल्ट गड़बड़ न हो, इसके लिए BJP के चौकीदारों की टीम राउंड द क्लॉक निगरानी करेगी..ईवीएम और वीवीपीएट की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है.
भोपाल के पुराने जेल में स्ट्रांग रूम बनाया गया है जहाँ ईवीएम और वीवीपीएट की सुरक्षा को कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने स्ट्रांग रूम के बाहर डेरा जमा लिया है. इसकी व्यवस्था इलेक्शन कमीशन ने की है. जिस रूम में कांग्रेस और बीजेपी नेता एक साथ बैठे हुए हैं वहां पर प्रशासन की तरफ से AC भी लगाया गया है.
इसके अलावा जो स्ट्रांग रूम के अंदर सीसीटीवी लगाए गए हैं सुरक्षा के मद्देनजर उसका आउटपुट रूम में दिया गया है जहां से कांग्रेस और बीजेपी के प्रतिनिधि 24 घंटे अंदर की निगरानी करेंगे..वही प्रशासन की तरफ से यह भी फैसला लिया गया है कि बीच-बीच में दोनों दलों के प्रतिनिधियों को अधिकारियों के साथ अंदर ले जाकर evm को दिखाया जाएगा.
कांग्रेस और बीजेपी ने बकायदा अपने कार्यकर्ताओं की 8-8 घंटे की शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगाई है. BJP का कहना है हमे EVM पर संदेह नही है लेकिन कांग्रेस सरकार के दबाव में प्रशासन कुछ भी कर सकता है.