गोरखपुर में एक निगेटिव मरीज को कोरोना वायरस पॉजिटिव बताकर क्वारंटाइन सेंटर भेजे जाने की बात सामने आने के बाद कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बयान दिया है.
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गोरखपुर: गोरखपुर में एक निगेटिव मरीज को कोरोना वायरस पॉजिटिव बताकर कोरोना वार्ड में भेजे जाने की बात सामने आने के बाद कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बयान दिया है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ये गलती नामों को लेकर हुई थी.
इस बड़ी त्रुटि पर कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बताया कि ये जो गलती सामने आई है, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि, दोनों मरीजों के नाम एक थे. हालांकि इस मामले में हमने चेतावनी दी है और हमने सीएमओ गोरखपुर को जांच के आदेश भी दिए है. इस पर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह नाम की त्रुटि होने से बहुत ज्यादा कंफ्यूजन हो सकता है और संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. उनको बहुत कड़ी चेतावनी दी गई है. इसमें कई जांचें हो रही हैं और उनके साथ रहने वाले लोगों को भी जांच के लिए ले गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी निगेटिव को पॉजिटिव संक्रमण न हो.
15 घंटे तक कोरोना संक्रमितों के बीच में रहा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में करीब 15 घंटे तक एक शख्स भर्ती रहा जिसे कोरोना नहीं था. नाम की गफलत में स्वास्थ्य विभाग ने इस युवक को कोरोना वार्ड में गुरुवार को भर्ती करा दिया, जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी. वह करीब 15 घंटे तक कोरोना संक्रमितों के बीच में रहा. इसके उलट कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सामान्य मरीजों के बीच 100 बेड के टीबी अस्पताल में क्वारंटीन कर दिया गया.
इस मामले की जानकारी शुक्रवार को जब सामने आई, तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया. वहीं, निगेटिव आए व्यक्ति को क्वांरटाइन सेंटर लाया गया है.
रिपोर्ट आते ही सनसनी फैल गई
जानकारी के अनुसार बुधवार को बेलघाट के शाहपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को 100 बेड टीबी अस्पताल के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कराया गया था. उसी नाम से मिलता-जुलता एक अन्य व्यक्ति पीपीगंज के रायपुर क्वारंटाइन सेंटर में था. दोनों की रिपोर्ट जांच के लिए बुधवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गई थी. आईसीएमआर की रिपोर्ट आई तो पीपीगंज के रायपुर का रहने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया. बेलघाट के शाहपुर के रहने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई.
रिपोर्ट मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम क्वारंटाइन सेंटर गई. वहां कोरोना पॉजिटिव को नाम से बुलाया गया. दोनों के नाम मिलते-जुलते थे, इसलिए बेलघाट के युवक (निगेटिव रिपोर्ट) को एंबुलेंस में बैठा लिया गया. एंबुलेंस उसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज जा पहुंची और जरूरी औपचारिकता के बाद उसे कोरोना वार्ड में भर्ती कर लिया गया. वह कोरोना संक्रमितों के बीच में रहा. इसी बीच जानकारी मिली कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मेडिकल कॉलेज नहीं आया है। इससे सनसनी फैल गई.
परिवार और गांव को भी झेलना पड़ा लापरवाही का खामियाजा
छानबीन हुई तो पता चला कि पॉजिटिव युवक टीबी अस्पताल के क्वारंटीन सेंटर में ही है. वहां भी तमाम लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम 100 बेड के टीबी अस्पताल पहुंची और कोरोना पॉजिटिव को लेकर जाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, मिलते-जुलते नाम की वजह से चूक हुई है. पॉजिटिव मरीज को अब कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया है, जबकि निगेटिव आए व्यक्ति को क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा केवल उस निगेटिव व्यक्ति को ही नहीं, परिवार और गांव को भी झेलना पड़ा. पूरे गांव को सील कर दिया गया. परिवार के सदस्यों को गुरुवार की रात डेंटल कॉलेज गीडा में क्वारंटाइन दिया गया. पूरे गांव को सैनिटाइज भी कराया गया है.
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