याचिका के जरिए बीजेपी ने अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार के कदम को चुनौती दी है.
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रथ यात्रा को लेकर चल रहे गतिरोध पर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र में खलल पड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट राज्य में बीजेपी की रथ यात्रा रैलियों को इजाजत देने से इनकार करने की वजह थी.
वहीं, बीजेपी के वकील एसके कपूर ने आरोप लगाया कि इसके लिए इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित और इसका कोई आधार नहीं था. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी.
इस मामले पर गुरुवार (20 दिसंबर) को फिर से सुनवाई होगी. दरअसल, न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि वह बीजेपी द्वारा दी गई याचिका पर एक आदेश जारी करेंगे. याचिका के जरिए पार्टी ने अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार के कदम को चुनौती दी है.
कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक रजनीतिक दल को रोक रही है जबकि संविधान यह अधिकार देता है. महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि बीजेपी की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है.
उन्होंने दलील दी कि प्रशासनिक फैसले में अदालत के पास न्यायिक समीक्षा करने का सीमित दायरा है. उन्होंने कहा कि 2017 से पश्चिम बंगाल में विभिन्न राजनीतिक रैलियों और सभाओं के लिए 2100 इजाजत दी गई लेकिन इस मामले में अंदेशे के चलते रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी गई.
राज्य की पुलिस की ओर से पेश हुए अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने दलील दी कि भाजपा की रथ यात्रा की व्यापकता को लेकर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि यदि भाजपा कुछ जिलों में सभाएं कराना चाहती है तो इसकी इजाजत दी जा सकती है लेकिन इतने व्यापक स्तर की रैलियों को मंजूरी नहीं दी जा सकती.
कपूर ने कहा कि इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित और बेबुनियाद था. उन्होंने दावा किया कि यह पुलिस राज्य में लौटने जैसा है. गौरतलब है कि छह दिसंबर को अदालत की एक एकल पीठ ने बीजेपी को रथ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया था, जिसका बीजेपी प्रमुख अमित शाह सात दिसंबर को उत्तर बंगाल स्थित कूच बिहार में हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करने वाले थे.
इसके बाद सात दिसंबर को खंड पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा 14 दिसंबर तक यात्रा पर एक फैसला करने को कहा था. राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय टीम के साथ वार्ता के बाद रथ यात्रा की इजाजत देने से 15 दिसंबर को इनकार करते हुए यह आधार बताया था कि इससे साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है.