दाभोलकर हत्याकांड: सीबीआई ने बचाव पक्ष के वकील के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया
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दाभोलकर हत्याकांड: सीबीआई ने बचाव पक्ष के वकील के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया

बॉम्बे हाई कोर्ट ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या की जांच की गति पर मार्च में नाराजगी जाहिर की थी.

फाइल फोटो

पुणे: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नरेन्द्र दाभोलकर हत्याकांड के कुछ आरोपियों का बचाव कर रहे वकील को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. सीबीआई के अधिकारी ने कहा कि वकील संजीव पुनालेकर और सनातन संस्था के सदस्य विक्रम भावे को मुम्बई से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें रविवार को पुणे की अदालत में पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पुनालेकर दाभोलकर पर हमला करने वालों में से एक है. गौरतलब है कि दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह को टहलते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या की जांच की गति पर मार्च में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि क्या इन मामलों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री के पास वक्त नहीं है. न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला की पीठ ने कहा कि यह शर्मनाक है कि तकरीबन हर जांच में अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है. गौरतलब है कि सीबीआई दाभोलकर की हत्या के मामले की जांच कर रही है जबकि महाराष्ट्र सीआईडी पानसरे की हत्या के मामले की जांच कर रही है. 

अदालत ने कहा था, 'मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? उनके पास गृह सहित 11 विभाग हैं लेकिन मामले का जायजा लेने के लिए उनके पास वक्त नहीं है. जांच से अड़चनें हटाने की उनके डिप्टी के पास शक्ति नहीं है?' पीठ ने कहा था कि एक नेता सरकार से संबद्ध होता है और महज किसी पार्टी का नेता नहीं होता. यह एक संप्रभु कामकाज है और इसे किसी दूसरे के जिम्मे नहीं दिया जा सकता. दरअसल, इससे पहले सीआईडी के वकील अशोक मुंदारगी ने दलील दी थी कि जांच एजेंसी ने पानसरे हत्या मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) में शामिल अधिकारियों की संख्या दोगुनी कर दी है. उन्होंने कहा था कि टीम में अब 35 अधिकारी हैं. 

हालांकि, उच्च न्यायालय ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत की तल्ख टिप्पणी के बाद ये दलीलें पेश की गई है. पीठ ने कहा था, 'आपको लगता है कि लोग पैसों की खातिर आपकी मदद के लिए आएंगे. आप सब जानते हैं कि अपना मुंह बंद रख कर कहीं अधिक रकम पा सकते हैं.' अदालत ने दोनों एजेंसियों को दोनों मामलों की आगे की जांच के लिए 26 अप्रैल तक का वक्त दिया था. दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी, जबकि 16 फरवरी 2015 को पानसरे पर कोल्हापुर में गोली मार दी गयी थी. बाद में 20 फरवरी को उनका निधन हो गया था. 

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