कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जब तक भूपिंदर कौर बेदी जैसे जज्बाती लोग मोर्चे पर डटे हैं तब तक कोरोना को हराना कोई बड़ी बात नहीं है.
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चंडीगढ़: कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जारी जंग में मोहाली की रहने वाली स्वर्गीय मेजर एम एस बेदी की 88 वर्षीय पत्नी भूपिंदर कौर ने भी मोर्चा संभाल लिया है. भूपिंदर कौर बेदी अपने हाथ से हर रोज सौ के करीब कपडे़ के मास्क तैयार कर रही हैं. ये मास्क उन जरूरतमंद लोगों में मुफ्त बांटा जाता है जिनके पास मास्क खरीदने के पैसे नहीं हैं. भूपिंदर कौर हर रोज तीन घंटे सिलाई करती हैं. भूपिंदर कौर के तीन बच्चे हैं जो सभी डॉक्टर्स हैं.
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जब तक भूपिंदर कौर बेदी जैसे जज्बाती लोग मोर्चे पर डटे हैं तब तक कोरोना को हराना कोई बड़ी बात नहीं है. भूपिंदर कौर बताती हैं कि वह हर रोज काम वाली, दूध वाले, सफाई वाले या फिर सब्जी इत्यादि बेचने वाले कई ऐसे लोगों को देखती थीं जिन्होंने जरूरी होने के बावजूद भी मास्क नहीं पहना होता था. ऐसे में उन्होंने अपने हाथों से मास्क बनाना शुरू किया. अब वो अपने हाथ से बनाए गए यह मास्क लोगों में बांटती हैं.
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भूपिंदर कौर के बेटे डॉक्टर हरविंदर सिंह बेदी ने बताया कि मां की इच्छा थी कि वह भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दें. ऐसे में मैंने उन्हें मास्क बनाने की सलाह दी. डॉक्टर हरविंदर बेदी ने कहा कि मैने देखा कि बहुत सारे गरीब लोग मास्क नहीं खरीद पाते जबकि मौजूदा माहौल में मास्क पहना सभी के लिए जरूरी है.
बेटे की बात मानते हुए भूपिंदर कौर ने करीब सत्तर साल पहले अपनी शादी में मिली सिलाई मशीन निकाली और हर रोज मास्क बनाने लगीं. कर्फ्यू के कारण बाजार बंद हैं लिहाजा मास्क बनाने के लिए कपड़ा नहीं मिला तो उन्होंने घर में रखे नए वस्त्रों से मास्क बनाना शुरू कर दिए.
फिलहाल कोरोना को मात देने के जो सबसे शक्तिशाली हथियार हैं उनमें से एक मास्क भी है. ऐसे में भूपिंदर कौर के इस महत्वपूर्ण योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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