चाइनीज मांझे से गई पक्षियों की जान, जागरूकता के लिए निकाली गई शव यात्रा
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चाइनीज मांझे से गई पक्षियों की जान, जागरूकता के लिए निकाली गई शव यात्रा

अहमदाबाद के बापू नगर में पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गई. पारेवड़ा ग्रुप और सर्वे समाज शक्ति संगठन की ओर से पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गयी. 565 पक्षियों को मांझे से घायल होने के बाद इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन इसमें से 72 की मौत हो गई. 

चाइनीज मांझे पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. फाइल तस्वीर

महेसाणा : गुजरात के मेहसाणा के खेरालु में ‘पक्षिओं’ की अंतिम यात्रा निकाली गई. उत्तरायण के दौरान पतंगबाजी के चलते कई पक्षियों की जान चली गई. इसके प्रति लोगों का ध्यान खींचने के लिए बुधवार को पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गई. इसमें काफी संख्या में पक्षी प्रेमी शामिल हुए. पक्षियों की मौतों को लेकर लोगों में जागरूकता के लिए इस अंतिम यात्रा निकाली गई थी. इस अंतिम यात्रा में लोगों ने 'हाए रे चीन' के नारे लगाए. लोगों का कहना है कि चाइनीज मांझे के चलते ही पक्षियों की मौत होती है.

अहमदाबाद के बापू नगर में पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गई. पारेवड़ा ग्रुप और सर्वे समाज शक्ति संगठन की ओर से पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गयी. 565 पक्षियों को मांझे से घायल होने के बाद इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन इसमें से 72 की मौत हो गई. मरे पक्षियों की लोगों ने अंतिम यात्रा निकाली गई. दो दिन लगातार बापूनगर में 300 से ज्यादा वॉलेंटियर्स ने लगातार भागदौड़ कर पक्षियों की सेवा की पक्षियों की अंतिम यात्रा बापूनगर जीवनवाड़ी से लेकर लीला नगर श्मशान भूमि तक निकाली गई.

पाटण में भी पतंगबाजी के दौरान मांझे की चपेट में आकर मरे हुए पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली गई. पाटण शहर में दो दिन में 116 पक्षी घायल हुए थे, जिनमें से 60 पक्षियों की मौत हो गयी. पक्षी प्रेमी लोगों ने मरे हुए पक्षियों की अंतिम यात्रा निकाली. यह यात्रा शहर के रेलवे स्टेशन से होते हुए सरस्वती नदी इलाके में पहुंची, यहीं पर सारे मृत पक्षियों को दफना दिया गया.

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