TSP आरक्षण को लेकर गहलोत सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उप-चुनाव से पहले खेला यह बड़ा दांव
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TSP आरक्षण को लेकर गहलोत सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उप-चुनाव से पहले खेला यह बड़ा दांव

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस निर्णय के पीछे महत्वपूर्ण कारण बताते हुए कहा कि टीएसपी एरिया में जो महिलाएं दूसरे राज्य या नॉन टीएसपी क्षेत्र से शादी करके आती हैं. 

फाइल फोटो

जयपुर: उपयोजना क्षेत्र में अब गैर टीएसपी से टीएसपी क्षेत्र में शादी करने वाली महिलाओं को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. स्थानीय निकाय और पंचायती राज चुनाव के मद्देनजर गहलोत कैबिनेट ने सोमवार को यह बड़ा फैसला लिया है.

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस निर्णय के पीछे महत्वपूर्ण कारण बताते हुए कहा कि टीएसपी एरिया में जो महिलाएं दूसरे राज्य या नॉन टीएसपी क्षेत्र से शादी करके आती हैं. उन्हें आरक्षण और उपयोजना क्षेत्र की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था. यह मामला राज्य सरकार के समक्ष आने के बाद इसे गहनता से देखा गया और निर्णय लिया गया है कि क्यों नहीं उन महिलाओं को योजना क्षेत्र का पूरा लाभ दिया जाए.

प्रदेश में फिलहाल सभी तरीके की भर्तियों में टीएसपी को लेकर अलग से आरक्षण की प्रक्रिया तय की जाती है. अब गहलोत सरकार के फैसले के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि टीएसपी क्षेत्र में ब्याह कर आने वाली महिलाओं को और उनके बच्चों को योजना के आरक्षण का लाभ मिलने के साथ ही क्षेत्र की चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकेंगी.

प्रदेश के 8 जिले टीएसपी एरिया में आते हैं. जिनमें डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, प्रतापगढ़, पाली, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ शामिल हैं. इनमें से 3 जिलो को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने टीएसपी एरिया में शामिल किया था. टीएसपी योजना का लाभ लेने के लिए इसकी राज्य सरकार की तरफ से एक अलग से गाइडलाइन तय की हुई है. इसमें 1970 से पूर्व का निवासी होना जरूरी है. इसके लिए दस्तावेज के तौर पर मूल निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता की हुई है. टीएसपी के लिए भर्ती प्रक्रिया को लेकर अलग से कोटा तय किया जाता है.

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