जब सुशीला रैनबसेरे में आकर रह रही थी तब वो बिलकुल ही गुमसुम रहती थी. सुशीला किसी के साथ कुछ भी बात नहीं करती थी और खाना भी नहीं खा रही थी. इस बात की जानकारी जब रैनबसेरे के संचालक को हुई तो उसने सुशीला से प्यार से पूछताछ शुरू की.
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सूरत: मध्यप्रदेश से गुम हुई एक बेटी को पुलिस और रैन-बसेरे के संचालक द्वारा अपने परिवार से मिलाया गया. एक साल पहले मध्यप्रदेश की रहने वाली सुशीला बैगा नामक महिला को उसके पति द्वारा इसलिए छोड़ दिया गया था की उसे बेटी पैदा हुई थी. इस घटना के बाद महिला इतनी सदमे में आ गई की वह अपने होशो-हवास खो बैठी थी और अपने मायके या कही और जाने के बजाय यह महिला ट्रेन में बैठ गई और लगातार आठ महीनों तक ट्रेन में ही घूमती रही. लेकिन दो महीने पहले वो सूरत के शाहीबाग इलाके के एक रेन-बसेरे में रहने आ गई.
जब सुशीला रैनबसेरे में आकर रह रही थी तब वो बिलकुल ही गुमसुम रहती थी. सुशीला किसी के साथ कुछ भी बात नहीं करती थी और खाना भी नहीं खा रही थी. इस बात की जानकारी जब रैनबसेरे के संचालक को हुई तो उसने सुशीला से प्यार से पूछताछ शुरू की. सुशीला को रैनबसेरे के संचालक जगदीश मिस्त्री ने भरोसे में लिया और तब जाकर महिला ने सिर्फ अपने पिता का नाम बताया. साथ ही थोड़ी सी ज्यादा पूछताछ करने पर उसने गांव का नाम बताया और गांव के पास से होकर गुजरने वाली एक नदी का नाम बताया.
इसके बाद रैनबसेरे के संचालकों द्वारा गूगल मेप का इस्तेमाल कर उस जगह को खोजा गया जहा युवती के जिले की जानकारी हुई तब पुलिस की मदद से मध्यप्रदेश प्रशासन से संपर्क किया गया और युवती के बारे में बताया गया. स्थानीय प्रशासन द्वारा महिला के परिवार को ढूंढा गया और युवती को उसके परिवार को सौंप दिया गया. अपने परिवार से मिलने के बाद युवती और परिवार काफी खुश नजर आया. साथ ही मध्यप्रदेश प्रशासन गुजरात पुलिस और रैनबसेरे के संचालकों का आभार व्यक्त किया.