उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जेलों में अब कर्मचारी 'बॉडी वार्म कैमरा' पहनकर ड्यूटी करते नजर आएंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इस योजना को मंजूरी देते हुए कैमरों के लिए हुए 80 लाख रुपये का बजट पास कर दिया है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जेलों में अब कर्मचारी 'बॉडी वार्म कैमरा' पहनकर ड्यूटी करते नजर आएंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इस योजना को मंजूरी देते हुए कैमरों के लिए हुए 80 लाख रुपये का बजट पास कर दिया है. यानी जेल में अब 24 घंटे कैमरे की सख्त निगरानी होगी.
जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि जेल के स्टाफ ये कैमरा ड्यूटी के दौरान अपने शरीर पर धारण करेंगे और इससे प्राप्त फीड का मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों, विधि-फॉरेंसिक विशेषज्ञों और जेल सुधार विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जाएगा. इससे जेल में निरुद्ध बंदियों की मनोदशा समझने में मदद मिलेगी. इन विशेषज्ञों द्वारा जेल में बन्दियों के व्यवहार का अध्ययन करके उन्हें अपराध से दूर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
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वहीं जेल में मिलने आने वाले बंदियों के परिजनों और शुभचिंतकों को इन कैमरों से प्राप्त वीडियो दिखाया जाएगा, जिससे वे कैदियों को अपराध की दुनिया से दूर करने के प्रयासों में जेल प्रशासन की मदद कर सकेंगे. अधिकारियों ने बताया कि जेल का स्टाफ BWC धारण करके ऐसे सभी स्थानों पर ड्यूटी करेगा जहां पर बंदीगण उपस्थित रहते हैं और विभिन्न कार्य करते हैं. जैसे कि जेल की फैक्ट्रियां, जेल के मुलाकात स्थल, जेल अस्पताल बैरके आदि.
ऐसे में ये कैमरे जेल में बन्दियों द्वारा की गई हिंसक आपराधिक कार्यवाही, उपद्रव, नशे की समस्या आत्महत्या और जेल की सुरक्षा संबंधी समस्याओं का निदान सुझाने और रोकने में बेहद मददगार साबित होंगे. जेल स्टाफ ड्यूटी पर आने के बाद इन कैमरों को धारण करेगा और तत्काल ऑन करके ड्यूटी समाप्ति के समय ही कैमरा बंद करेगा. हालांकि विशेष परिस्थितियां (वाशरूम जाने हेतु) में थोड़ी देर के लिए कैमरा बंद कर दिया जाएगा. किन्तु इसकी सूचना पहले जेल के कर्मचारी को कंट्रोल रूम को देनी होगी.
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