चौबेपुर थाने के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हटा दिया गया है और एसटीएफ की पूछताछ जारी है.
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नई दिल्ली: कानपुर में पुलिस पर हमला मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. चौबेपुर थाने के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हटा दिया गया है और एसटीएफ की पूछताछ जारी है. तिवारी पर गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है. पुष्पराज सिंह को चौबेपुर थाने का चार्ज दिया गया है.
यूपी STF के द्वारा सभी चश्मदीद और जो संदेह के घेरे में हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है. विनय तिवारी पर इसलिए भी ज्यादा संदेह गहराया क्योंकि वह विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में सबसे पीछे थे. जब पुलिस पर बदमाशों ने हमला किया तो वह मौके से भाग निकले.
पुलिस ने निकाल ली कॉल डीटेल्स
विकास दुबे की हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक की कॉल डीटेल्स पुलिस ने निकाल ली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस महकमे के भी कई लोग इस जघन्य हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के संपर्क में थे. सूत्रों के मुताबिक जो कॉल डीटेल्स सामने आई हैं, उसे आधार पर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस की रेड होने वाली है, इस खबर को विकास दुबे तक किसी पुलिसवाले ने ही पहुंचाया है.
हालांकि पुलिस महकमे का कोई भी अधिकारी इस पर बात नहीं कर रहा है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक शक के घेरे में एक दरोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड भी है. इन तीनों की कॉल डीटेल्स के आधार पर इनसे पूछताछ भी हुई है. खबरें ऐसी भी सामने आई हैं कि जिस पीड़ित राहुल तिवारी ने विकास दुबे पर धारा 307 के तहत मुकदमा लिखाया था, उसकी पिटाई चौबेपुर के SO के सामने ही हुई थी.
अपराधियों को पकड़ने के लिए 100 टीमें तैनात
कानपुर मामले में अपराधियों को पकड़ने के लिए 100 टीमें बनाई गई हैं. 10 हजार जवानों को विकास दुबे की तलाश में तैनात किया गया है. विकास को पनाह देने वालो पर भी सख्त कार्रवाई होगी. अब विकास दुबे की तलाश पुलिस मध्य प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंच गई है. सूत्रों के मुताबिक गैंगस्टर के बीहड़ में भी छिपे होने की आशंका है. सभी जिलों के लोकल पुलिस को भी अलर्ट पर रखा गया है. विकास दुबे समेत 35 लोगों पर पुलिसकर्मियों की हत्या और हथियारों की लूट के मामले में केस दर्ज किया गया है. कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.