लालजी टंडन को राखी बांधती थीं मायावती, जानें कब और कैसे बना ये खास रिश्ता
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लालजी टंडन को राखी बांधती थीं मायावती, जानें कब और कैसे बना ये खास रिश्ता

उस समय लालजी टंडन उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हुआ करते थे. लेकिन जब 2003 में बीजेपी और बसपा का गठबंधन टूटा तो मायावती ने लालजी टंडन को राखी बांधना छोड़ दिया.

बाईं तरफ मायावती और दाईं तरफ लालजी टंडन (फाइल फोटो)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के राखी भाई लालजी टंडन (Lalji Tandon) आज नहीं रहे. मंगलवार सुबह 5:35 मिनट पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन का निधन हो गया. लखनऊ के मेंदाता में उन्होंने अंतिम सांस ली. हां ये बात सही है कि एक समय ऐसा था जब दिवंगत लालजी टंडन को मायावती राखी बांधती थीं.

बताया जाता है कि 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड में मायावती की जान बचाने में लालजी टंडन की भी बड़ी भूमिका थी. जिसके बाद से मायवती लालजी टंडन को अपना भाई मानने लगी थीं और हर रक्षाबंधन को उन्हें राखी भी बांधती थीं. मायावती और लालजी टंडन का बहन-भाई का रिश्ता काफी चर्चा में रहा था.

उस समय लालजी टंडन उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी हुआ करते थे, उसी दौरान मायावती उन्हें राखी बांधती थीं. लेकिन जब 2003 में बीजेपी और बसपा का गठबंधन टूटा तो मायावती ने लालजी टंडन को राखी बांधना छोड़ दिया.

ये भी पढ़े- मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन का निधन, मेदांता में ली अंतिम सांस

जान लें कि गेस्ट हाउस कांड वो घटना है जिसने समाजवादी पार्टी और बसपा में ऐसी दरार डाल जो 2019 के लोकसभा चुनाव में जाकर खत्म हुई थी. साल 1993 में सपा और बसपा ने मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी. 1995 में एक गेस्ट हाउस में मायावती अपने विधायकों के साथ बैठक कर रही थीं और खबर थी कि वो सपा का दामन छोड़ कर बीजेपी के साथ जाना चाहती हैं. फिर गेस्ट हाउस कांड पर हमला हुआ जिसमें बड़ी मुश्किल से मायवती की जान बच पाई थी. इस हमले का आरोप समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं पर लगा था.

इस हमले के बाद मायावती ने सपा का साथ छोड़ कर बीजेपी से हाथ मिलाया था और फिर साल 2002 तक ये गठबंधन चलता रहा था.

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