मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन का निधन का आज सुबह 5 :35 मिनट पर निधन हो गया. लखनऊ के मेदांता में उन्होंने अंतिम सांस ली.
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लखनऊ: मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन (Lalji Tandon) का आज सुबह 5:35 मिनट पर निधन हो गया. लखनऊ के मेंदाता में उन्होंने अंतिम सांस ली. बेटे आशुतोष ने निधन की जानकारी दी. 85 वर्षीय लालजी टंडन का लंबे समय से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. टंडन को 11 जून को सांस लेने में तकलीफ और बुखार के चलते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लिवर में दिक्कत होने की वजह से 14 जून को इमरजेंसी ऑपरेशन किया गया था. फिर उनकी हालत नाजुक हो गई. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
लालजी टंडन बीजेपी (BJP) के कद्दावर नेताओं में से शुमार रहे हैं. वह पहले बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबियों में लालजी टंडन का भी नाम आता है. अटल जी के सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने के बाद लखनऊ सीट से लाल जी टंडन चुनाव लड़े थे.
बाबूजी नहीं रहे
— Ashutosh Tandon (@GopalJi_Tandon) July 21, 2020
PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "लालजी टंडन को उनकी समाज सेवा के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई. वह जनता की भलाई के लिए काम करने वाले नेता थे. वह कानूनी मामलों के जानकार थे और अटलजी के साथ उन्होंने लंबा वक्त बिताया. मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं."
Shri Lalji Tandon will be remembered for his untiring efforts to serve society. He played a key role in strengthening the BJP in Uttar Pradesh. He made a mark as an effective administrator, always giving importance of public welfare. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/6GeYOb5ApI
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2020
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया.
मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश की एक क़द्दावर शख़्सियत, श्री लालजी टंडन के निधन का समाचार बहुत पीड़ादायक है।
टंडनजी के साथ मुझे लम्बे समय तक काम करने का अवसर मिला। उनका लम्बा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा और उन्होंने अपने काम से एक अलग छाप छोड़ी है। १/२
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 21, 2020
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लालजी टंडन के निधन पर दुख जताया है:
मध्यप्रदेश के गवर्नर व यूपी में बीजेपी की सरकार में कई बार वरिष्ठ मंत्री रहे श्री लालजी टण्डन, जो काफी सामाजिक, मिलनसार व संस्कारी व्यक्ति थे, उनका इलाज के दौरान आज लखनऊ में निधन होने की खबर अति-दुःखद व उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2020
आइये उनसे जुड़ीं 10 दिलचस्प बातें बताते हैं:
1. 12 अप्रैल 1935 को लालजी टंडन का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. लालजी टंडन शुरुआत से ही संघ से जुड़े रहे हैं.
2. उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की है. इसके बाद साल 1958 में लालजी की शादी कृष्णा टंडन से हुई.
3. संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से इनकी मुलाकात हुई थी. लालजी शुरूआत से ही अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी रहे हैं.
4. लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ. टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधानपरिषद के सदस्य भी रहें.
5. लालजी टंडन ने इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की थी.
6. लालजी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है. साल 1990 में भाजपा-बसपा की गठबंधन वाली सरकार बनाने में लालजी का अहम योगदान रहा था.
7. लालजी टंडन साल 1996 से 2009 तक लगातार 3 बार चुनाव जीतकर विधानसभा जा चुके हैं.
8. साल 2009 में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
9. बीजेपी के समर्थन से मायावती की सरकार बनी तो उन्होंने 22 अगस्त 2002 को भाजपा नेता लालजी टंडन को अपना भाई बनाया और उन्हें चांदी की राखी बांधी थी.
10. लालजी टंडन 'अनकहा लखनऊ' नाम की एक किताब लिखी है. इस किताब में उन्होंने लखनऊ को लेकर कई खुलासे किये हैं.