कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि हम इस मामले को जल्दी सुलझा लेंगे. सरकार चलती रहेगी.
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नई दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को बचाने की कवायद जोरों पर है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि हम इस मामले को जल्दी सुलझा लेंगे. सरकार चलती रहेगी. इससे पहलेे कर्नाटक के मंत्री और निर्दलीय विधायक नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक सरकार में शामिल सभी जेडीएस और कांग्रेस के मंत्रियों ने पद से इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है कि अब कैबिनेट का पुनर्गठन होगा. कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या 21 है. इसकी पुष्टि नेे भी सिद्धारमैया ने की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा है कि कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है, उसमें बीजेपी का हाथ नहीं है. हमारी पार्टी खरीद-फरोख्त नहीं करती है.
वहीं नागेश ने राजभवन जाकर राज्यपाल वजूभाई वाला को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. नागेश ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेता हूं. भविष्य में अगर बीजेपी की ओर से ऑफर मिलता है तो मैं बीजेपी सरकार को सपोर्ट करने को तैयार हूं. इस्तीफा देने के बाद नागेश विशेष विमान से मुंबई के सोफीटेल होटल पहुंच गए हैं. इसी होटल में बागी विधायक ठहरे हैं.
सोमवार सुबह कर्नाटक सरकार में शामिल सभी कांग्रेस मंत्रियों को डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने अपने घर पर ब्रेकफास्ट पर बुलाया था. सूत्रों के अनुसार जी परमेश्वर की ओर से सभी कांग्रेस मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कहा जाना था. ताकि कांग्रेस-जेडीएस के असंतुष्ट विधायकों को मंत्री पद ऑफर किया जा सके. इसी क्रम में कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने दावा किया था कि कर्नाटक सरकार में शामिल सभी कांग्रेस मंत्री इस्तीफा देने जा रहे हैं.
बीजेपी नेता शोभा करंदलजे ने सोमवार को बीएस येदियुरप्पा के आवास पहुंचकर मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को भी सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. वह बहुमत खो रहे हैं. कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. वे कर्नाटक में दूसरी सरकार के लिए रास्ता बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागेश का बीजेपी में स्वागत है. बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के असंतुष्ट विधायकों के साथ किसी तरह के संपर्क में नहीं है.
नागेश समेत कुल 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही बागी विधायकों की कुल संख्या बढ़कर 14 (एक विधायक ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था) हो गई है. अब इस तरह विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से देखें तो एक तरह से टाई मैच हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि यदि ये इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 210 रह जाएगी.
बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और इस सूरतेहाल में उसके पास बहुमत के लिए 1 वोट की कमी होगी. ऐसे मौके पर स्पीकर का वोट अहम हो जाएगा. इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी अभी देखो और इंतजार करो की रणनीति पर काम कर रही है.
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी रविवार देर शाम अमेरिका से बेंगलुरु पहुंचे. उन्होंने जेडीएस के विधायकों के साथ अहम मीटिंग की. उन्होंने उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के साथ भी बैठक की. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और जेडीएस के इस्तीफा दे चुके विधायकों को मनाने के लिए अब उन्हें मंत्री पद का ऑफर देने पर विचार हो रहा है.
जी परमेश्वर के आवास पर ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचे मंत्रियों में यूटी खादर, शिवशंकर रेड्डी, वेंकटरमनप्पा, जयमला, एमबी पाटिल, कृष्णा गौड़ा, राजशेखर पाटिल, डीके शिवकुमार शामिल हैं. कांग्रेस नेता सिद्धारमैया भी जी परमेश्वर के घर पर मौजूद रहे.
9 जुलाई को कर्नाटक कांग्रेस दल की बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक को लेकर कांग्रेस ने सभी विधायकों को सर्कुलर जारी किया है. इसमें पार्टी की ओर से चेतावनी दी गई है कि जो भी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उधर मुंबई गए 10 विधायकों ने बेंगलुरु लौटने से इनकार कर दिया है. दरअसल कहा जा रहा है कि कांग्रेस अपने मंत्रियों से इस्तीफा लेकर मुंबई में रूठकर बैठे विधायकों को मंत्री पद का ऑफर देकर वापस बुला सकती है. इस संकट के पीछे सबसे बड़ा कारण असंतोष है. कई विधायक लंबे समय से मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे. जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो विद्रोह भड़क गया. वहीं विधानसभा स्पीकर की ओर से इन विधायकों के इस्तीफे की जांच मंगलवार को की जानी है.
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कर्नाटक कांग्रेस ने पार्टी के नौ बागी विधायकों के शनिवार के इस्तीफे के बाद इस संकट से निपटने के लिए नौ जुलाई को अपने सभी 78 विधायकों की बैठक बुलाई है. इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह (विजयनगर) ने एक जुलाई को इस्तीफा दे दिया था, जिसे मिलाकर बागी विधायकों की संख्या 10 हो गई है.
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने कहा, "कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि वे मंगलवार (नौ जुलाई) को सुबह 9.30 बजे विधानसभा भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में सभी मुद्दों पर चर्चा करें, जिसमें शनिवार को इस्तीफा देने वालों की चिंताएं भी शामिल हैं."