कार्यक्रम में 28 मंत्रियों ने शपथ ली है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) आज अपने चौथे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. मंडल विस्तार में कुल 28 मंत्री शपथ ली. मंत्री पद की शपथ लेने वालों में भाजपा के 16, सिंधिया समर्थक 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 नेता शामिल हैं. इस बार करीब 13 नए चेहरों को शपथ दिलाई गई.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक गिरीश गौतम, रामखिलावन पटेल, चेतन्य काश्यप, मोहन यादव, विष्णु खत्री, रामकिशोर कांवरे, उषा ठाकुर, प्रेमसिंह पटेल, अरविंद भदौरिया, हरीशंकर खटीक, अशोक रोहाणी और नंदिनी मरावी आदि को लेकर कई दौर की बातचीत हुई है.शिवराज सिंह के पिछले मंत्रिमंडल के प्रमुख चेहरों गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह के साथ इस बार नए नेताओं को मौका दिया जा रहा है. भाजपा के कुल 16 नेताओं में 7 शिवराज की पिछली कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं, वहीं 9 नए चेहरे हैं जो पहली बार मंत्री पद की शपथ लेंगे. सिंधिया समर्थक 9 नेता भी शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनेंगे. वहीं, कांग्रेस से भाजपा में आए 3 नेताओं को भी शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल करने पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी सहमति दी है.
1. उषा ठाकुर (Usha Thakur)
उषा ठाकुर बीजेपी की उपाध्यक्ष और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज रह चुकी हैं. उन्होंने अपने सफर की शुरुआत 1989 में सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय होना से की और संघ की इंदौर शाखा में बौद्धिक प्रमुख बनीं. जिसके बाद 2003 में ठाकुर इंदौर क्षेत्र से और 2013 में दूसरी बार इंदौर-3 सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं. इसके बाद उन्होंने इंदौर से बाहर निकलने का फैसला किया. जिसके बाद वो 2018 विधानसभा में इंदौर से महूं पहुंची और यहां भी जीत का परचम हवा में लहरा दिया. आपके बता दें कि उषा ठाकुर को 1990 में म्यूनिसिपल काउंसलर बनने के पहले भगत सिंह के परिवार वालों ने एक कटार उपहार में दी थी. ठाकुर इसे अपनी जिंदगी का सबसे अहम क्षण मानती हैं और सत्र के दौरान भी कटार लेकर ही विधानसभा जाती हैं. शहर की सौ भजन मंडलियों के साथ जुड़ीं ठाकुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुंदरकांड आयोजित करती हैं.
2. गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava)
गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश के रहली से विधायक हैं. 1982 से 1984 तक वे नगर पालिका गढ़ाकोटा के अध्यक्ष रहे. जिसके बाद 1985 में वे पहली बार विधानसभा सदस्य चुने गये. इसके बाद वे निरंतर विधानसभा के सदस्य हैं. करीब 35 साल पहले विधायक पद के साथ शुरू हुआ उनका ये सफरनामा आज भी जारी है. आपको बता दें कि भार्गव विधानसभा के आठ बार सदस्य रह चुकें हैं. इसके अलावा उन्होंने तीन सरकारों में कैबिनेट मंत्री की भुमिका भी निभाई है. आपको बताते चलें कि भार्गव ने 1974 में सागर विश्वविद्यालय से M.A और 1975 में सागर विश्वविद्यालय से LLB की परीक्षा उत्तीर्ण की है. लेकिन देश के लिए कुछ करने का जज्बा उन्हें राजनीति की और ले आया.
3. विजय शाह (Vijay Shah)
भारतीय जनता पार्टी से नाता रखने वाले विजय शाह मध्यप्रदेश के हरसूद से विधायक हैं. करीब 30 साल पहले 1990 विजय पहल बार विधायक चुने गए थे. 1990 से शुरू हुआ सिलसिला अभी भी जारी है. जनता के स्पोर्ट के साथ वे 6 बार विधायक पद का चुनाव जीत चुके हैं. बताते चलें कि विजय शाह पिछली बीजेपी सरकार कैबिनेट मंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं.
4. यशोधरा राजे सिंधिया (Yashodhara Raje Scindia)
मध्य प्रदेश के शिवपुरी से विधायक यशोधरा राजे सिंधिया का नाता बीजेपी से करीब 22 साल पुराना है. 1998 में भाजपा की सदस्य बनने के बाद सिंधिंया 2007 में पहली बार सांसद चुनी गईं. जिसके बाद 2009-2013 में उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी अपना परचम लहराया था. जिसके बाद 19 दिसंबर 2013 को उनहोंने लोकसभा से अपना इस्तीफा दे दिया था.