विश्वासमत के दौरान 4 विधायक तटस्थ रहे यानी उन्होंने किसी भी तरफ वोट नहीं किया. उन्होंने ना तो उद्धव सरकार के पक्ष में वोट किया और ना ही उनके विपक्ष में वोट किया.
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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) यानी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार ने शनिवार को बहुमत साबित कर दिया. उद्धव सरकार को विश्वासमत में कुल 169 विधायकों ने समर्थन किया, जिसमें शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, निर्दलीय और अन्य सहयोगी पार्टियों ने समर्थन किया.
विश्वासमत के दौरान 4 विधायक तटस्थ रहे यानी उन्होंने किसी भी तरफ वोट नहीं किया. उन्होंने ना तो उद्धव सरकार के पक्ष में वोट किया और ना ही उनके विपक्ष में वोट किया.
आपको बता दें कि इन तटस्थ रहे विधायकों में उद्धव ठाकरे के भाई राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के एक मात्र विधायक प्रमोद (राजू) रतन पाटिल, CPI (M) के विधायक निकोले विनोद भीवा और एआईएमआईएम (AIMIM) के 2 विधायक मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक और शाह फारुख अनवर शामिल हैं. इन्होंने सदन के अंदर किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं किया.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शपथ के कार्यक्रम में MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे शामिल हुए थे. उनके साथ उद्धव की मौसी और राज ठाकरे की मां भी मौजूद थीं, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एकमात्र विधायक ने महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव सरकार के विश्वासमत साबित करने के दौरान समर्थन नहीं किया.
उल्लेखनीय है महाराष्ट्र विधानसभा में आज उद्धव ठाकरे सरकार ने बहुमत सिद्ध कर दिया. 2 बजे शुरू हुई कार्यवाही में विपक्ष के भारी हंगामे और सदन से बीजेपी और उसके घटक दलों के वॉकआउट के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने सदन में बहुमत सिद्ध कर दिया. सदन में 169 विधायकों ने उद्धव सरकार के पक्ष में मतदान किया, जबकि विरोध में 0 वोट आए. इसके अलावा 4 मत तटस्थ रहे. यानि उन्होंने किसी का समर्थन नहीं किया. इनमें 2 AIMIM, 1 CPM जबकि एक विधायक मनसे का था. इस तरह उद्धव ठाकरे की सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया.
सदन में बहुमत साबित कर लेने के बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा में पहली बार संबोधन देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का वंदन कर मैं यहां आया हूं. हमारा महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है. वह हमारे देवता समान हैं. उन्होंने आगे कहा कि सदन में विरोधी पक्ष नहीं हैं. देवेंद्र फडणवीस ने अगर हमनें शपथ ग्रहण के दौरान शिवाजी महाराज, साहूजी महाराज और डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लिया तो इन्हें आपत्ति क्यों है? ये लोग भी तो हमेशा इन महानुभावों के नाम लेते हैं. जिस तरह सदन से वॉकआउट किया गया, मैं कहना चाहूंगा कि ये वो महाराष्ट्र नहीं है, जैसा हम चाहते हैं. हमनें जिन भी महानुभावों के नाम अपनी शपथ ग्रहण के लिए हमें उन पर गर्व है. मैं मैदान में लड़ने वाला इंसान हूं.
उनके बाद प्रोटेम स्पीकर ने सभी विधायकों को बधाई दी एवं कहा कि सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे शुरू होगी और स्पीकर का चुनाव होगा.