महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, 'राजनीतिक बदले की भावना से कोई कारवाई नहीं हो रही हैं. और ना ही जरूरत है. हमारी (शिवसेना और बीजेपी की महागठबंधन) सरकार बनना तय है. हम क्यों राजनीतिक बदले की कारवाई करेंगे.'
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मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानि ईडी द्वारा केस दर्ज किए जाने पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि ईडी कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'जो घोटाला हुआ ,उसपर एक याचिका दाखिल हुई थी. और याचिकाकर्ता ने आरोप किया था कि फलां-फलां का इन्वॉल्वमेंट है.बॉम्बे हाईकोर्ट की ताकीद के बाद एफआईआर हुई और एजेंसी जांच कर रही है. चूंकि ज्यादा बडी रकम का मामला इसलिए ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जांच हो रही है. '
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, 'राजनीतिक बदले की भावना से कोई कारवाई नहीं हो रही हैं. और ना ही जरूरत है. हमारी (शिवसेना और बीजेपी की महागठबंधन) सरकार बनना तय है. हम क्यों राजनीतिक बदले की कारवाई करेंगे.'
शरद पवार के खिलाफ केस दर्ज किए को लेकर आज मुंबई में ईडी दफ्तर में एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.
Maharashtra: Nationalist Congress Party (NCP) staged a protest outside Enforcement Directorate (ED), in Mumbai earlier today. NCP Chief Sharad Pawar and his nephew have been named in a money laundering case investigated by the Enforcement Directorate (ED). pic.twitter.com/oU7YiYpB2F
— ANI (@ANI) September 25, 2019
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले (Maharashtra State co bank scam) में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला दर्ज किया है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) के आदेश के बाद इस घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक्स ऑफेन्स विंग ने एफआईआर दर्ज की थी जिसमें शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार सहित कुल 70 पूर्व संचालक का नाम था.
इस पूरे मामले में शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "मेरा कोई सहभाग न होते हुए मेरे खिलाफ मामला दर्ज करने पर सरकारी एजेंसियों और सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद. इस कार्रवाई का स्वागत करता हूं. चुनाव के समय इस तरह की कार्रवाई की मेरे चुनाव प्रचार सभाओं में युवाओ का भारी समर्थन मिल रहा है, ऐसे में कार्रवाई नहीं होती तो मुझे आश्चर्य होता. लेकिन ये कार्रवाई क्यों की जा रही, ये जनता समझ रही है और चुनाव में जनता इसका जवाब देगी. खस्ताहाल आर्थिक स्थिति में जो कोओपरेटिव संस्थाएं होती है, उन्हें उबारने के लिए मदद करने का काम आरबीआई और को ओपरेटिव बैंक करते हैं, इसलिए उसमें घोटाला हुआ, ये कहना गलत है."
आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका पुनर्भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार उस समय बैंक के डायरेक्टर थे. नाबार्ड ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम के तहत इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पवार और अन्य लोगों को बैंक घोटाले का आरोपी बनाया गया.