बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ लाए जा रहे इस विधेयक में कुल 3 भाग हैं.
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कोलकाता: देशभर में मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शासन-प्रशासन लगातार कोशिशें कर रहा है. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा जल्द ही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को काबू करने के लिए एक विधेयक लाने की खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि ममता सरकार पश्चिम बंगाल (भीड़ द्वारा हत्या और हिंसा रोकथाम) विधेयक, 2019 को आगामी 30 अगस्त को सदन में पेश कर सकती है.
बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ लाए जा रहे इस विधेयक में कुल 3 भाग हैं. वहीं, विधेयक के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक एक समन्वयक नियुक्त करेंगे जो नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेगा. आइए जानते हैं कि वे भाग क्या हैं-
- अगर मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ शख्स सिर्फ घायल है तो, अपराधियों को 3 साल तक का कारावास और एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
- अगर मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ शख्स बुरी तरह घायल है तो, अपराधियों को 10 साल तक का कारावास और 25 हज़ार से 3 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.
- अगर किसी मॉब लिंचिंग का शिकार हुए शख्स की हत्या होती है तो, अपराधियों को आजीवन कारावास और 1 से 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि 17 जुलाई, 2018 को सुप्रीमकोर्ट द्वारा दी गई राय के अनुसार, सभी राज्यों को मॉब लिंचिंग पर कानून लाने को कहा गया था. उस वक़्त राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर मॉब लिंचिंग पर क़ानून बनाया था. इसके बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार भी इस पर क़ानून लाने जा रही है.
(INPUTS : KAMALIKA SENGUPTA)