एनसीपी ने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाना कुछ और नहीं बल्कि 'जनसंपर्क की कवायद' है'
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मुंबई: महाराष्ट्र में विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाना कुछ और नहीं बल्कि 'जनसंपर्क की कवायद' है जिसका उद्देश्य देवेंद्र फड़णवीस की छवि को चमकाना है.
यह फैसला मुख्यमंत्री फड़णवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त हालांकि पदासीन मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच नहीं शुरू कर सकता.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने फड़णवीस पर राज्य के लोगों को ऐसी घोषणा कर 'बेवकूफ' बनाने का आरोप लगाया.
मलिक ने कहा, “फड़णवीस जब विपक्ष में थे तो केंद्र द्वारा 2013 में बनाए गए लोकपाल अधिनियम की तर्ज पर लोकायुक्त अधिनियम को मजबूत बनाने की मांग करने वालों में अग्रणी थे. लेकिन, मुख्यमंत्री के तौर पर साढ़ चार साल पूरा करने के बाद भी फड़णवीस ने अपनी पुरानी मांग पर कोई काम नहीं किया.”
मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक मुख्यमंत्री को पद छोड़ने के बाद ही जांच का सामना करना होगा और वह भी तब जब राज्यपाल ऐसा करने की मंजूरी देंगे.
(इनपुट - भाषा)