पश्चिम बंगाल में एक और बीजेपी नेता की हत्या, धारदार हथियार से किया गया था हमला
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पश्चिम बंगाल में एक और बीजेपी नेता की हत्या, धारदार हथियार से किया गया था हमला

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के मंदिर बाजार के स्थानीय भाजपा नेता को बीच रास्ते मौत के घाट उतार दिया गया.

बीजेपी नेता ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ दिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पूजा मेहता, नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के मंदिर बाजार के स्थानीय भाजपा नेता को बीच रास्ते मौत के घाट उतार दिया गया. मृतक बीजेपी नेता की पहचान शक्तिपदा सरदार के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि मृतक नेता भाजपा के मंडल समिति सचिव हैं. जानकारी के मुताबिक यह घटना कल रात हुई जब वह काम से वापस घर से लौट रहे थे. कुछ दुश्मनों ने उन पर तेज धार वाले हथियार से हमला किया. हमले के बाद दुश्मन उन्हें खून से लथपथ हालत में सड़क के किनारे छोड़ कर फरार हो गए. बाद में, जब स्थानीय लोगों ने उन्हें देखा तो उन्हें हीरा बंदरगाह अस्पताल ले जाया गया. भाजपा के कार्यकर्ता हत्या के पीछे टीएमसी कार्यकर्ताओं को दोषी ठहरा रहे हैं.

  1. बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी कार्यकर्ताओं को दोषी ठहरा रहे हैं
  2. मंदिर बाजार पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू कर दी है
  3. पंचायत चुनावों के बाद शुरू हुआ था इन हत्याओं का सिलसिला

पुलिस ने शुरू की अपनी जांच
अस्पताल में इलाज के दौरान उनके स्वास्थ्य कोई सुधार नहीं हुआ. बाद में गंभीर हालत को देखते हुए बीजेपी नेता को कोलकाता के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया. हालांकि उन्होंने कोलकाता के उस अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इस बीच, मंदिर बाजार पुलिस स्टेशन ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

बीजेपी लगाती रही है टीएमसी पर आरोप
आपको याद दिला दें कि बीती 11 जुलाई को पुरुलिया के तुरुहुलु गांव के पास लालमोहन और दीपक की हत्या कर दी गई थी. इस दोहरे हत्याकांड के कुछ ही घंटों बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर दावा किया कि ये दोनों शख्स बीजेपी के कार्यकर्ता थे. बीजेपी ने उन हत्याओं के लिए भी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था.

पंचायत चुनावों के बाद शुरू हुआ था इन हत्याओं का सिलसिला
बंगाल बीजेपी ने अपने 11 जुलाई के ट्वीट में लिखा था कि पश्चिम बंगाल में अब तक 27 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है. जिसमें से 5 केवल पुरुलिया में ही मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंचायत चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में हत्या का ये सिलसिला 30 मई को 18 साल के त्रिलोचन महतो की मौत से शुरू हुआ था. इसके कुछ ही वक्त बाद दुलाल कुमार की मौत हुई थी. इन दोनों के परिवारों ने मौतों के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया था.

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