बहुविवाह पर रोक लगाकर ही मुस्लिम महिलाओं को राहत दी जा सकती है: स्वरूपानंद सरस्वती
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बहुविवाह पर रोक लगाकर ही मुस्लिम महिलाओं को राहत दी जा सकती है: स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी पर रोक लगाने के लिए हिंदू संहिता की तर्ज पर एक कानून लाया जाना चाहिए.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (फाइल फोटो)

मथुरा: द्वारका पीठ के शंकराचार्य ने संसद में तीन तलाक विधेयक लाये जाने पर सवाल उठाते हुए गुरुवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं को राहत प्रदान करने का एकमात्र तरीका पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी को अपराध की श्रेणी में लाना है.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने यहां पत्रकारों से कहा,‘यदि पति को जेल भेज दिया जाएगा, तो उसके जीवन साथी को खुद का गुजारा करने के लिए पैसा कहां से मिलेगा.’

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी पर रोक लगाने के लिए हिंदू संहिता की तर्ज पर एक कानून लाया जाना चाहिए. उन्होंने भाजपा पर अयोध्या में राम मंदिर पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया.

शंकराचार्य ने कहा,‘राम मंदिर को लेकर शुरू से ही भाजपा यह धारणा बनाकर लोगों को गुमराह करती रही है कि इसका निर्माण उनके द्वारा ही किया जाएगा.’

उन्होंने कहा,‘केन्द्र की भाजपा सरकार राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकती है क्योंकि यह संसद के हर सदस्य द्वारा ली गई धर्मनिरपेक्षता की शपथ के खिलाफ होगा.’ उन्होंने दावा किया कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद केवल ‘‘धर्माचार्य’’ मंदिर का निर्माण करेंगे.

शंकराचार्य ने यह भी दावा किया कि क्योंकि बाबर कभी अयोध्या नहीं गया था, इसलिए उसके द्वारा मस्जिद के निर्माण का सवाल ही नहीं उठता है.

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