सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं तो वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे.
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नई दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया.
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा, ‘सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी करके सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और संविधान की दसवीं अनुसूची के पारा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.’
सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं तो वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे. उन्होंने बताया, ‘नोटिस में आगे कहा गया है कि वो बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वो विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे.'
मिश्रा ने कहा कि बसपा राजस्थान हाई कोर्ट में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या अलग से रिट याचिका दायर करेगी.
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उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी. विधानसभा स्पीकर ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी करके घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए.
इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई. इससे पहले बीजेपी विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर करके बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था.
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