SC ने कोरोना संक्रमित शवों के दफनाने का मामला फिर से भेजा बॉम्बे हाईकोर्ट
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SC ने कोरोना संक्रमित शवों के दफनाने का मामला फिर से भेजा बॉम्बे हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो हफ्ते के अंदर सुनवाई पूरी करने को कहा है.

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित शवों के दफनाने का मामला एक बार फिर से बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इस मामले पर दोबारा सुनवाई करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका में की गई मांग को नकारने का हाईकोर्ट का आदेश अंतरिम था इसीलिए हाईकोर्ट इस पर दोबारा सुनवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो हफ्ते के अंदर सुनवाई पूरी करने को कहा है. याचिका में कोरोना संक्रमित शवों के दफनाने से संक्रमण की आशंका के चलते इस पर रोक लगाने की मांग की गई है.

  1. यचिका में कोरोना संक्रमित शवों के दफनाने पर रोक लगाने की मांग की गई
  2. बॉम्बे हाईकोर्ट कोरोना संक्रमित शवों को दफनाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर चुका है
  3. महाराष्ट्र सरकार ने सर्कुलर जारी करके 20 कब्रिस्तानों को चिंहिंत किया

मुंबई के बांद्रा में रहने वाले निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कोरोना संक्रमण से हुई मौत के मामले में शवों को दफनाने पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के 27 अप्रैल के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने शवों को दफनाने पर रोक की मांग को खारिज कर दिया था. याचिका में कहा गया था कि कोरोना संक्रमित शवों को दफनाने से संक्रमण फैलने की आशंका है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

अब इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट दोबारा सुनवाई करेगा. दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 30 मार्च को एक सर्कुलर जारी करके कोरोना संक्रमण से हुई मौत के मामले में शवों को दफनाने पर रोक लगा दी थी और सर्कुलर में कहा गया था कि महामारी के दौरान कोरोना संक्रमित शवों को जलाया जाएगा. लेकिन कुछ ही दिन बाद 9 अप्रैल को सरकार ने एक सर्कुलर जारी करके ऐसे शवों को दफनाने की इजाजत दे दी. सर्कुलर में ऐसे शवों को दफनाने के लिए 20 कब्रिस्तानों में चिंहित कर दिया गया. उनमें बांद्रा (वेस्ट) के तीन कब्रिस्तान भी शामिल हैं.

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प्रदीप गांधी, गुरूदत्त कामत, संजय नाइक और हिमांशु पटेल जो कि बांद्रा (वेस्ट) इलाके में रहते हैं, उन्होंने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन को पार्टी बनाया है. याचिका में कहा गया है कि ये कब्रिस्तान घनी आबादी वाले इलाके में हैं और यहां कोरोना संक्रमित शवों के दफनाने से इलाके में मिट्टी और पानी के संक्रमित होने का खतरा है, जिससे वहां के लोग संक्रमित हो सकते हैं. इसीलिए इन कब्रिस्तानों में ऐसे शवों के दफनाने पर तत्काल रोक लगाई जाए और ऐसे कब्रिस्तानों में दफनाने की इजाजत हो, जो आबादी से दूर हों. याचिका में यह भी कहा गया है कि जब से ऐसे शवों को दफनाने की इजाजत दी गई है तब से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि कई देशों में कोरोना संक्रमित शवों को दफनाने पर रोक लगा दी है. यहां भी ऐसे शवों को दफनाने पर रोक लगानी चाहिए. याचिका में दलील दी गई है कि भले ही अभी यह साबित नहीं हुआ है कि इस तरह से शवों के दफनाने से संक्रमण फैलता है लेकिन हमें एहतियातन ऐसा कदम उठाना चाहिए क्योंकि बाद में अगर ये बात साबित होती है तो तब तक बहुत नुकसान हो सकता है.

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