शरद पुरोहित/जयपुर: 'कार्ड क्लोन' एक ऐसा टर्म जो अब राजस्थान में बहुत ज्यादा सुनने को मिलने लगा है. इसके जरिए जालसाज किसी डेबिट कार्ड का क्लोन बना लेते हैं. यानी वैसा ही एक डुप्लीकेट कार्ड तैयार कर उसका इस्तेमाल करते हैं. खबर के मुताबिक राजस्थान में कार्ड क्लोनिंग की घटनाएं लगातार तेजी से बढ़ रही हैं. यहां तक कि अब तो एक देश के यूजर के डेबिट कार्ड को क्लोन कर दूसरे देश में ट्रांजेक्शन करने के मामले भी सामने आ रहे हैं.


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यही कारण है कि पुलिस अब जनता को यह यह संदेश दे रही है कि अगर आप एटीएम बूथ पर पैसे निकालने जा रहे है तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है. एटीएम कार्ड का क्लोन कर ठगी की वारदातें पूरे देश में बढ़ रही है. बहुत कम लोग जानते है कि कार्ड क्लोनिंग कैसे हो जाती है. जो एटीएम कार्ड आप अपनी जेब में रखते है उसका डुप्लीकेट एटीएम कार्ड शातिर ठगों के पास कैसे पहुंच जाता है. 


पुलिस के मुताबिक पहले कार्ड का क्लोन तैयार किया जाता है और फिर पिन का वीडियों रिकॉर्ड करके जानकारी जूटाई जाती है. एटीएम कार्ड का सीक्रेट डिटेल जानने के लिए ये ठग एटीएम मशीन में एक कार्ड स्किमर लगा देते हैं. यह कार्ड स्किमर कार्ड को मशीन में इंसर्ट करने वाली जगह पर लगाया जाता है. जैसे ही आप अपने एटीएम कार्ड को मशीन में डालते हैं तो यह कार्ड स्किमर आपके कार्ड को स्कैन कर लेता है. 


वहीं आपके एटीएम से जाने के बाद अपराधी उस कार्ड स्किमर को निकाल लेता है और उसका इस्तेमाल करते हुए आपके एटीएम कार्ड का क्लोन बना लेते हैं. इसी तरह से की पैड पर जहां आप पिन दबाते है उसके उपर वीडियो कैमरा लगाया जाता है जिसे आप देख नहीं पाते. जिसके बाद चोरों को आसानी से अपके कार्ड का पासवर्ड ठगों को पता चल जाता है और वह आसानी से आपके अकांउंट से पैसे निकाल लेते है. 
 
आपके बता दें कि हाल ही में जी मीडिया की टीम ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए एक ऐसे ही चोर का खुलासा किया जिसके बाद सांगानेर पुलिस ने स्कीमर मशीन व वीडियों कैमरे के जब्त कर लिया है. फिलहाल, पुलिस ठगों की तालाश में जुटी है. वहीं पुलिस ने जनता से अपील की है कि वह ऐसे ठगों से सावधान रहें.