वरवर राव, सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी पर बोले करात, 'यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला'
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वरवर राव, सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी पर बोले करात, 'यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला'

पुणे पुलिस ने माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में विभिन्न राज्यों में कुछ लोगों के घरों सहित विभिन्न ठिकानों पर छापा मारी की है. 

प्रकाश करात ने कहा कि हम मांग करते हैं कि इन सभी लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाए और उन्हें रिहा किया जाए.

नई दिल्ली: सीपीएम ने विभिन्न वामपंथी विचारकों, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की छापेमारी की निंदा करते हुये इसे सरकार की दमनकारी नीतियों का नतीजा बताया है. सीपीएम नेता प्रकाश करात ने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. हम मांग करते हैं कि इन सभी लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाए और उन्हें रिहा किया जाए. 

बता दें पुणे पुलिस ने माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में विभिन्न राज्यों में कुछ लोगों के घरों सहित विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा और दो वामपंथी कार्यकर्ताओं - वरवर राव और सुधा भारद्वाज - को सोमवार को गिरफ्तार किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे में एल्गार परिषद नाम के एक कार्यक्रम के बाद महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा गांव में हुई हिंसा की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं. 

कई राज्यों में पुलिस ने की छापेमारी
अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद और छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के घरों की तलाशी ली गयी. उन्होंने बताया कि तलाशी के बाद राव और भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया गया. 

माकपा ने की पुलिस कार्रवाई की निंदा
माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर कहा कि भीमा कोरेगांव में दलितों के विरूद्ध हिंसा की घटनाओं के बाद से महाराष्ट्र पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को निशाना बना रही है. पार्टी ने हिंसा पीड़ितों के मुकदमे लड़ रहे वकीलों और इनकी मदद कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरूद्ध गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत इनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किये जाने का आरोप लगाया. 

पोलित ब्यूरो ने इसे नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए हिरासत में लिए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से रिहा करने और इनके विरुद्ध दर्ज किये गये मामले वापस लेने की मांग की है.

बुधवार सुबह तक नवलखा को दिल्ली से बाहर नहीं ले जाए महाराष्ट्र पुलिस : HC
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि माओवादियों से कथित संबंधों के लिये महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को राष्ट्रीय राजधानी से तब तक बाहर नहीं ले जाया जाए, जबतक कि वह कल सुबह मामले पर सुनवाई नहीं कर लेती.

न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि नवलखा अपने आवास पर पुलिस की निगरानी में रहेंगे और उन्हें सिर्फ अपने वकीलों से मिलने की अनुमति होगी. अदालत ने यह भी कहा कि अदालत कल सुबह सबसे पहले इस मामले पर सुनवाई करेगी.

(इनपुट एजेंसी)

 

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