पिता ने खबर मिलते ही वालीव पुलिस स्टेशन पहुंचे और बेटे के अपहरण का मामला दर्ज कराया.
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प्रथमेश तावडे/मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई के पास वसई के एक युवक को 15 दिन बाद पश्चिम बंगाल के नक्सलियों की चंगुल से छुडाया गया. शमशुल खान नामक इस युवक को सरकारी कॉन्ट्रेक्ट देने के बहाने कोलकाता बुलाया गया था. जहां से उसका अपहरण किया गया. शमशुल के पिता से 20 लाख की फिरौती मांगी गयी. शमशुल के पिता ने वालीव पुलिस स्टेशन को इस बारे में बताया. पुलिस की सतर्कता से शमशुल को 15 दिन बाद पश्चिम बंगाल से छुडाया गया है. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगो को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, शमशुल छोटा-मोटा कंस्ट्रक्शन का काम करता है. उसकी जान पहचान सैफुल खान नाम के शख्स के साथ हुई. सैफुल भी बिल्डिंग कॉन्ट्रेक्टर था. मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई में इसके कई सारे प्रोजेक्ट चल रहे थे. सैफुल ने शमशुल को झारखंड में बड़ा सरकारी ठेका देने का आश्वासन दिया था. जिसके लिए साथ में कोलकाता से झारखंड जाने की बात तय हुई. शमशुल कोलकाता पहुंचा. वहां से शमशुल को फराका स्टेशन आने के लिए कहा गया.
फराका स्टेशन पर एक टैक्सी खड़ी थी. जिसमें बैठने को सैफुल ने कहा था. टैक्सी में पहले से ही तीन लोग बैठे थे. उन्होंने बताया कि सैफुल ने उसे लाने के लिए भेजा है. जिसके बाद सैफुल से शमशुल का संपर्क टूट गया. शमशुल को घने जंगल में ले जाया गया. वहां और दो लोग मौजूद थे. यहां पर एक घर में ले जाकर शमशुल के साथ मारपीट की गई और पिता से फोन कर 20 लाख रुपये मांगने को कहा गया.
पिता ने खबर मिलते ही वालीव पुलिस स्टेशन पहुंचे और बेटे के अपहरण का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने छह लोगों की टीम पश्चिम बंगाल के मालदा भेजी. उनके साथ शमशुल के पिता भी थे. उनके फोन पर लगातार फिरौती के कॉल आ रहे थे. कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि वह जगह पश्चिम बंगाल के काल्याचक पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आती है.
वलीव पुलिस स्टेशन के पीआई विलास चौगुले ने बताया कि यह इलाका नक्सली प्रभाव वाला है. जिसके लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली गयी. 15 दिन की मेहनत के बाद शमशुल तक पहुंचा गया. इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों के नक्सलियों से रिश्ते होने की बात सामने आ रही है.