चंडीगढ़: बैंक के मेल और मैसेज ने बढ़ाई इस तबके की टेंशन
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चंडीगढ़: बैंक के मेल और मैसेज ने बढ़ाई इस तबके की टेंशन

कोरोना काल (Corona Crisis) में मार्च महीने से कोचिंग सेंटर पर जो ताला (Lockdown) लगा वो अभी तक नहीं खुला है.

फाइल फोटो

चंडीगढ़:  कोरोना काल (Corona Crisis) में लोगों को लोन के लिए बैंकों की ईएमआई (EMI) चुकाने से मिली छूट अब खत्म हो गई है. सितंबर से लोगों को बैंक से लिए गए लोन की किश्त भरनी होगी. अनलॉक तीन (Unlock 4) के बाद काफी कारोबार तो खुल चुके हैं मगर अभी भी कई कारोबार पर ताला लटका है और बंद कामकाज के बीच सितंबर से बैंक की EMI की चिंता ने उन लोगों की नींद उड़ा दी है, जिनकी आजीविका का एक मात्र सहारा कोचिंग सेंटर थे.

पंजाब के जीरकपुर में रहने वाले मुनीश शर्मा ने बताया कि कई साल से वो कोचिंग सेंटर खोल कर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे.  इसी बीच उन्होंने बैंक से लोन लेकर घर और गाडी भी खरीदी और दोनों की मासिक किश्त करीब 24 हजार देनी होती है. लेकिन कोरोना काल (Corona Crisis) में मार्च महीने से कोचिंग सेंटर पर जो ताला (Lockdown) लगा वो अभी तक नहीं खुला है. हालांकि ऑनलाइन कोचिंग (Online Coaching) के जरिये आमदनी जुटाने की कोशिश की गई, जो कारगर नहीं रही. 

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'अभिभावकों की दिलचस्पी नहीं' 
कोचिंग संचालकों के मुताबिक ऑनलाइन कोचिंग अधिक असरदार और कारगर नहीं होने की वजह से अभिभावक बच्चों को ऑनलाइन कोचिंग दिलवाने में रुचि नहीं ले रहे. मुनीश शर्मा के अनुसार अब  सबसे बड़ी चिंता बैंक लोन की है क्योंकि कोरोना की वजह से सरकार ने लोन की किश्त चुकाने की जो तीन महीने की छूट दी थी वो सितंबर में खत्म हो गई है. 

'किराया निकलना तक मुश्किल'  
मुनीश अकेले नहीं हैं जो बैंक के लोन की किश्त से चिंतित हैं बल्कि चंडीगढ़ में कोचिंग सेंटर चलाने वाले नवनीत भी इन दिनों इसी चिंता से परेशान हैं. नवनीत ने बताया कि मार्च से पहले तक इनके कोचिंग सेंटर में 800-900 छात्र कोचिंग ले रहे थे. मगर मार्च में कोरोना शुरू होने के साथ ही काम काज सिमटने लगा और अब बैंक लोन की किश्त और कोचिंग सेंटर का लाखों रुपया किराया उनके सिर पर तलवार बन कर लटका हुआ है. 

सरकार से राहत पैकेज की अपील
आर्थिक मुश्किल में फंसे कोचिंग सेंटर्स चलाने वाले लोग अब सरकार से मदद मांग रहे हैं. इनकी पहली मांग है कि हिदायतों के साथ ही सही लेकिन कोचिंग सेंटर्स को भी खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. दूसरी मांग यह है कि जब तक कोचिंग सेंटर्स खोलने की इजाजत नहीं दी जाती तब तक बैंक उनके लोन की ईएमआई चुकाने के लिए उन्‍हें कुछ मोहलत और दी जानी चाहिए.

गौरतलब है कि अपनी साफ-सफाई और खूबसूरती के लिए मशहूर चंडीगढ़ में कई हजार लोग कोचिंग के पेशे से जुड़े हैं. वहीं देश में कोचिंग से आजीविका चलाने वाले करोड़ों लोगों की भी यही कहानी है, उन्हें कोई छूट मिलेगी ये फिलहाल साफ नहीं है. 

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