असम सरकार ने आज कहा कि वह सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करेगी और अगले सप्ताह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशन के बाद के प्रभावों के बारे में किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
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गुवाहाटी: असम सरकार ने आज कहा कि वह सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करेगी और अगले सप्ताह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशन के बाद के प्रभावों के बारे में किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है. एनआरसी का दूसरा और अंतिम मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया जाना है और उस दिन सभी 3.29 करोड़ आवेदकों की किस्मत का फैसला होगा. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्ग के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये कर्तव्य से बंधी हुई है.
एनआरसी के मसौदे का एक हिस्सा 31 दिसंबर और एक जनवरी को प्रकाशित किया गया था
उन्होंने कहा, ‘‘एनआरसी के प्रकाशन के बाद के प्रभावों के बारे में किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी भारतीय नागरिकों को राज्य की सुरक्षा के दायरे में लाने के लिये पहले ही पर्याप्त कदम उठाए जा चुके हैं.’’ एनआरसी के मसौदे का एक हिस्सा 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरम्यानी रात को प्रकाशित किया गया था , जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ नामों को शामिल किया गया था.
इस बड़ी कवायद का लक्ष्य बांग्लादेश से लगे इस पूर्वोत्तर राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करना है
इस बड़ी कवायद का लक्ष्य बांग्लादेश से लगे इस पूर्वोत्तर राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करना है. यह कवायद केंद्र , राज्य सरकारों और प्रभावशाली ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के बीच कई दौर की बैठकों के बाद 2005 में किये गए फैसले के अनुरूप की जा रही है.
एनआरसी के प्रदेश समन्वयक के कार्यालय ने आज कहा कि सभी असली भारतीय नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिये पर्याप्त अवसर दिया जाएगा. एनआरसी के प्रदेश समन्वयक के कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ जिन आवेदकों के नाम पूर्ण मसौदा एनआरसी में नहीं होंगे उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
सभी असली भारतीय नागरिकों को 24 मार्च 1971 (मध्यरात्रि) की कटऑफ तारीख के अनुसार अंतिम एनआरसी में शामिल किया जाएगा.’’ एनआरसी के प्रदेश समन्वयक प्रतीक हाजेला ने कहा है कि समूचे मसौदे के प्रकाशन के बाद जिन लोगों ने 31 अगस्त 2015 तक एनआरसी को आवेदन फॉर्म जमा किया है , वे एनआरसी सेवा केंद्र में निर्धारित फॉर्म में 30 अगस्त से 28 सितंबर तक अपना दावा सौंप सकते हैं.
इनपुट भाषा से भी