अधिकारी ने बताया कि घाटी के चुनाव वाले क्षेत्रों में दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक संस्थान बंद रहे. शहर के कई इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं.
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श्रीनगर: शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के खिलाफ अलगाववादियों द्वारा बुलाई हड़ताल से कश्मीर घाटी के चुनाव वाले क्षेत्रों में बुधवार को जनजीवन प्रभावित रहा. घाटी में दूसरे चरण का मतदान बुधवार सुबह छह बजे शुरू होकर शाम चार बजे तक चला.
अधिकारी ने बताया कि घाटी के चुनाव वाले क्षेत्रों में दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक संस्थान बंद रहे. शहर के कई इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं. उन्होंने बताया कि एहतियाती तौर पर अधिकारियों ने शहर में इंटरनेट की गति भी कम कर दी है.
अधिकारियों ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के साधन भी सड़कों से नदारद रहे लेकिन घाटी के अन्य इलाकों में इनकी आवाजाही सामान्य रही. सरकार ने चुनाव वाले क्षेत्रों में छुट्टी का ऐलान किया है.
संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) के अलगाववादियों ने मंगलवार को इलाके में बंद रखने की घोषणा की थी. जेआरएल में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक शामिल हैं, जिन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा था, ‘दूसरे चरण में जहां चुनाव होने हैं, वहां लोग इस नाटक से दूर रहकर, इसका बहिष्कार कर दिखाएंगे कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है.’
राज्यपाल ने की केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर राज्य की स्थिति पर चर्चा की. करीब आधे घंटे तक चली बैठक में राज्यपाल ने राजनाथ को राज्य की कानून व्यवस्थ्या से अवगत कराया, विशेषकर आतंकवाद प्रभावित कश्मीर घाटी के बारे में.
बैठक के ब्यौरे से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर में जारी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से भी अवगत कराया.राज्य में अभी राज्यपाल शासन लागू है और मलिक राज्य के प्रशासनिक प्रमुख हैं.
(इनपुट - भाषा)